पोकरण / किशोर सोलंकी
भारत सरकार के हर घर तिरंगा अभियान और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पूरे देश में तिरंगे की शान बढ़ाने, घर-घर राष्ट्रध्वज लगाने और रैलियों के जरिए लोगों को स्वतंत्रता दिवस के महत्व के प्रति जागरूक किया जा रहा है। स्कूलों से लेकर गलियों और सार्वजनिक स्थलों तक देशभक्ति की लहर दौड़ रही है। लेकिन इसी माहौल के बीच पोकरण नगर पालिका का स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम शेड्यूल अब चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल, नगर पालिका द्वारा पोकरण के गणमान्य नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भेजे गए निमंत्रण पत्र में दिए गए कार्यक्रम विवरण को देखकर कई लोग हैरान हैं। पत्र में दर्ज समयानुसार परेड निरीक्षण, मार्च पास्ट, उद्बोधन, व्यायाम प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रशस्ति पत्र वितरण और राष्ट्रगान—ये सभी गतिविधियां महज़ 5-5 मिनट में पूरी करने का उल्लेख है।

5 मिनट में मार्च पास्ट, 5 मिनट में भाषण, 5 मिनट में सांस्कृतिक कार्यक्रम!
कार्यक्रम पत्रिका के मुताबिक, 15 अगस्त को सुबह 7:30 बजे नगरपालिका कार्यालय में अध्यक्ष ध्वजारोहण करेंगे। 8:30 बजे मुख्य अतिथि विद्यालय में ध्वजारोहण और राष्ट्रगान करेंगे। फिर 8:55 बजे परेड निरीक्षण, 9:00 बजे मार्च पास्ट, 9:05 बजे मुख्य अतिथि का उद्बोधन, 9:10 बजे व्यायाम प्रदर्शन, 9:15 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम, 9:20 बजे प्रशस्ति पत्र वितरण और 9:25 बजे राष्ट्रगान।
यानी—हर कार्यक्रम के लिए सिर्फ पांच मिनट! जबकि, जिन्हें आयोजन का अनुभव है, वे जानते हैं कि केवल मार्च पास्ट या सांस्कृतिक प्रस्तुति ही 15 से 20 मिनट में भी पूरी नहीं हो पाती। फिर इसमें दर्शकों की तालियां, मंच पर सम्मान, फोटो सेशन और कलाकारों की तैयारी का समय कहां जाएगा—यह किसी की समझ में नहीं आ रहा।
गणमान्य नागरिक पूछ रहे हैं कि इतने कम समय में यह सब कैसे संभव है? परेड में शामिल बच्चों को कतार में लगाने से लेकर मार्च पास्ट समाप्त करने में ही कई बार 10 मिनट से ज्यादा लग जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम में तो एक गीत या नृत्य भी 5 मिनट से ज्यादा चलता है, फिर पूरा कार्यक्रम बिजली की तरह कैसे खत्म होगा?
अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
लोगों का कहना है कि यह शेड्यूल देखकर लगता है जैसे नगर पालिका स्वतंत्रता दिवस समारोह को जनता के बीच एक प्रेरणादायी आयोजन के बजाय महज ‘औपचारिकता’ मान रही है। “इतनी जल्दबाज़ी में कार्यक्रम करने से न देशभक्ति का भाव जागेगा, न लोगों की भागीदारी बढ़ेगी,” ।
कस्बे के कुछ युवाओं ने तो व्यंग्य करते हुए कहा—“अगली बार शायद ये होगा कि सुबह 8:30 बजे झंडा फहराएं, 8:31 पर भाषण दें और 8:32 पर मिठाई बांटकर घर चले जाएं।”

पहले होते थे घंटों चलने वाले कार्यक्रम
बुजुर्गों का कहना है कि पहले के वर्षों में स्वतंत्रता दिवस परेड, भाषण, गीत-संगीत, कवि सम्मेलन और बच्चों की प्रस्तुतियों से भरपूर होता था। लोग सुबह से दोपहर तक कार्यक्रम में डटे रहते थे। मंच पर सम्मान, फोटो सेशन और दर्शकों की तालियों की गूंज अलग ही माहौल बनाती थी। इस बार का कार्यक्रम विवरण देखकर लगता है कि वह पुराना रंग फीका पड़ सकता है।
अब सवाल यह है कि 15 अगस्त को यह कार्यक्रम वाकई ‘एक्सप्रेस मोड’ में पूरा होगा या फिर जमीनी हकीकत में समय बढ़ाकर लोगों को पहले जैसा गर्व और रोमांच महसूस कराया जाएगा। फिलहाल, नगर पालिका का यह ‘स्पीड ब्रेकर शेड्यूल’ कस्बे में चर्चा और आलोचना दोनों का विषय बना हुआ है।
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