पादूकलां/नागौर
पादूकलां कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार को शुभ मुहूर्त में शारदीय नवरात्र की घट स्थापना की गई। प्राचीन गायत्री माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और चारभुजा मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान हुए। चारभुजा मित्र मंडल के तत्वावधान में नवदुर्गा माता की प्रतिमा विधिवत स्थापित की गई।
हरसिद्दी माता मंदिर और मां भवानी धाम में पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ घट स्थापना की। मंदिरों और घर-घर में भक्तों ने मां की आराधना शुरू की, अखंड जोत प्रज्वलित की और दुर्गा सप्तशती पाठ व गायत्री मंत्र जप आरंभ हुआ। पूरे कस्बे और गांवों की गलियों-मोहल्लों में माता की प्रतिमाएं स्थापित कर नौ दिवसीय धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत की गई।
वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार, यह परंपरा 1100 वर्ष पूर्व से चली आ रही है। बताया जाता है कि गांव की स्थापना के समय माकड़ माताजी की मूर्ति विराजित की गई थी और तभी से नवरात्र का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
चारभुजा मित्र मंडल के दीपेंद्र सिंह ने बताया कि नौ दिनों तक प्रतिदिन अलग-अलग धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होंगे। रात्रि में गरबा महोत्सव, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। 29 सितंबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें देशभर के ख्यातनाम कवि शिरकत करेंगे। प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा और विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
इसी तरह नागणेचा माताजी मंदिर (मांडल जोधा), अरनियाला, लाम्पोलाई, गवारड़ी, सथाना, पादूखुर्द, बग्गड़, नथावड़ा, पालड़ीकलां, बिखरनियाकलां और डोडियाना सहित आसपास के गांवों में भी भक्तों ने माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है और ‘जय माता दी’ के उद्घोष गूंज रहे हैं।
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