सूरतगढ़, 30 जुलाई।
27 जुलाई को जयपुर में आयोजित राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा में एक अमृतधारी सिख महिला अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं देने की घटना से सिख समाज में भारी रोष व्याप्त है। इस मुद्दे को लेकर सूरतगढ़ सिख समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा।
अभ्यर्थी को कृपाण पहनने के कारण रोका गया प्रवेश
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि उक्त सिख महिला अभ्यर्थी ने अमृत ग्रहण किया हुआ था और धार्मिक रीति-रिवाज़ों के अनुसार वह कड़ा, कृपाण और अन्य पवित्र चिन्ह धारण किए हुए थी। परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने कृपाण के कारण उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी, जिससे उसे भारी मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा।
सिख समाज ने जताया विरोध, की निष्पक्ष जांच की मांग
सिख समाज ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं का खुला अपमान बताते हुए कहा कि भारत के संविधान ने हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता दी है। अमृतधारी सिख के लिए कृपाण सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि उनकी आस्था का हिस्सा है।
सिख समाज ने दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई नहीं की गई, तो जिला स्तर पर आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
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