Friday, August 8, 2025
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नव नियुक्त एसीबीईओ गोपाल सिंह चारण ने किया विद्यालयों का निरीक्षण, हरियालो राजस्थान अभियान के तहत किया पौधारोपण

स्थान: पादूकलां, नागौर

नव नियुक्त एसीबीईओ (ACBEO) गोपाल सिंह चारण ने पदभार ग्रहण करते ही शैक्षणिक विकास और जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पादूकलां क्षेत्र के विभिन्न राजकीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षकों, विद्यार्थियों और प्रबंधन से संवाद कर शिक्षा की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता और विद्यालय परिवेश की स्थिति पर चर्चा की।

इस दौरान चारण ने लांपोलाई स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का दौरा कर ‘हरियालो राजस्थान अभियान’ के तहत पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि – “पौधे केवल प्रकृति का श्रृंगार नहीं, बल्कि जीवन का आधार हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और संतुलित पर्यावरण तभी संभव है जब आज हर व्यक्ति वृक्षारोपण को जीवनशैली बनाए।”

विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य यशवंत सिंह रावत ने उन्हें विभिन्न प्रजातियों के पौधों और अब तक हुए कार्यों की जानकारी दी। इसके पश्चात चारण ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, पादूकलां का निरीक्षण किया और प्रधानाचार्य जीवणराम बडियासर से शिक्षण व्यवस्था को लेकर संवाद किया।

इस अवसर पर शारीरिक शिक्षिका रेखा बारासारामकिशोर प्रजापत ने वैश्विक जलवायु संकट की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर वृक्षारोपण को प्रमुख समाधान माना गया है। उन्होंने कहा कि बाकू (अज़रबैजान) में हुए यूएन क्लाइमेट समिट में भी वृक्षारोपण और तापमान नियंत्रण को लेकर विश्वस्तरीय संकल्प लिए गए।

जयसिंह ने “एक व्यक्ति, एक पेड़” के संकल्प को हर नागरिक द्वारा अपनाए जाने की आवश्यकता बताई। प्रधानाचार्य बडियासर ने भी क्षेत्रवासियों से अधिक से अधिक वृक्षारोपण की अपील की।

कार्यक्रम में शामिल गणमान्य नागरिकों में बलदेवराम जयपाल, विजेंद्र, रतनलाल बेरवाल, संगीता शर्मा, हरिराम मूलचंद, प्रेमसुख टाडा, इंदू राजावत, दीनाराम पारासरिया, रामनिवास रूपसिंह, अमराराम चोयल, सुमन धवल, दिनेश वैष्णव सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

विद्यालय परिसर में हुए इस वृक्षारोपण कार्यक्रम ने क्षेत्र में पर्यावरणीय चेतना और सामुदायिक सहभागिता की मिसाल पेश की है, जो हरित राजस्थान की कल्पना को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।


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