पादूकलां। इस वर्ष औसत से अधिक और लंबी खिंची बरसात ने खेतों की मिट्टी में गहराई तक नमी बनाए रखी, जिससे रबी सीजन की फसलों को सीधा लाभ मिल रहा है। विशेष रूप से चने की फसल इस बार बेहतरीन स्थिति में दिखाई दे रही है। समय पर हुई बुवाई और लगातार बनी नमी के कारण अंकुरण लगभग 100 प्रतिशत सफल रहा है। खेतों में कतारबद्ध पौधों की एकसमान बढ़वार देखी जा रही है।
खेती विशेषज्ञों के अनुसार, मिट्टी की भुरभुरी संरचना के कारण पौधों की जड़ें तेजी से फैल रही हैं। इसके चलते पौधों की लंबाई और हरियाली सामान्य वर्षों की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत अधिक दर्ज की जा रही है। शुरुआती अवस्था में किसी भी प्रकार का रोग या सूखापन नहीं देखा गया है, और अधिक नमी के कारण सिंचाई की भी आवश्यकता नहीं पड़ी।
किसानों का कहना है कि समय पर बुवाई करने से फसल को ठंडे मौसम का पूरा लाभ मिल रहा है। वर्तमान में कीट नियंत्रण की स्थिति भी अनुकूल है, हालांकि किसान सजगता बरत रहे हैं। कृषि विभाग का अनुमान है कि यदि यही स्थिति अगले पंद्रह दिनों तक बरकरार रही, तो चने की पैदावार में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है।
खेतों में लहलहाते हरे-भरे चने देखकर किसानों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है। वे बता रहे हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार फसल की स्थिति काफी बेहतर है और अंकुरण मजबूत रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की लंबी बरसात चना उत्पादकों के लिए वरदान साबित हो रही है। कुल मिलाकर, इस बार की बरसात ने खेतों में नई जान डाल दी है और बेहतर पैदावार की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
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