पादूकलां से ईटावड़ा जाने वाला मार्ग आज भी कच्चा है और ग्रामीण कई वर्षों से पक्की सड़क के लिए इंतजार कर रहे हैं। यह रास्ता ईटावड़ा तक पहुंचने का सबसे नजदीकी और सुगम मार्ग है, लेकिन बारिश के मौसम में कीचड़ और जलजमाव के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सड़क की स्थिति और ग्रामीणों की समस्या:
पादूकलां से ईटावड़ा की दूरी केवल 4–5 किलोमीटर है। अगर यह सड़क पक्की हो जाए तो किसानों और मजदूरों को 10–15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। यह मार्ग ईटावड़ा, बिखरनिया कला, सुरपुरा और भेरूंदा जैसे गांवों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सुविधाजनक माना जाता है।
ग्रामीणों की मांग:
ग्राम पंचायत ने समय-समय पर कच्ची सड़क बनाकर इसे चालू रखा है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पक्की सड़क बनने से छोटे गांवों के लोग व्यापार और अन्य कामकाज में आसानी महसूस करेंगे। वाहन चालकों को भी बड़ा फायदा मिलेगा। ग्रामीणों ने सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द इस कच्चे रास्ते को पक्की सड़क में बदला जाए।
कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन अब तक इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीण उम्मीद करते हैं कि स्थानीय प्रशासन उनकी समस्या को प्राथमिकता देगा और इस महत्वपूर्ण मार्ग को पक्की सड़क के रूप में विकसित करेगा।
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