पादूकलां
नवरात्र महोत्सव के अंतर्गत कस्बे के चारभुजा मंदिर प्रांगण में सोमवार रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से आए कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक मंत्रमुग्ध कर दिया। भीषण बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग रात्रि दो बजे तक पांडाल में डटे रहे और काव्य-गंगा में डूबते रहे।

कवि सम्मेलन का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ कवि सोहनदान भूतास ने मां सरस्वती की वंदना से किया। इसके बाद फलौदी से आए कवि सत्यदेव सत्य ने धारदार व्यंग्यात्मक रचनाओं के जरिए समाज की विसंगतियों पर चोट की और श्रोताओं को गुदगुदाया।
हास्य और समाज सुधार का संगम
भीलवाड़ा से आए कवि अनिल व्यास ने पैरोडी के माध्यम से जहां ठहाकों की बरसात की, वहीं समाज सुधार का सशक्त संदेश भी दिया। सम्मेलन का संचालन खेड़ला से पधारे कवि श्रवणदान शून्य ने किया, जिन्होंने अपनी राजस्थानी टिप्पणियों और अलंकारिक रचनाओं से कार्यक्रम को ऊंचाई दी।
राष्ट्रप्रेम से गूंजा पांडाल
अजमेर के कवि लोकेश चारण ने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कविताओं से युवाओं में नवचेतना और ऊर्जा का संचार किया। वहीं स्थानीय कवि नवीन गौड़ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी पर्व पर अपनी रचना “सौ बसंत हो रहे पूर्ण उत्साह और उमंग के…” प्रस्तुत की, जिस पर पांडाल भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा।
युवाओं का उत्साह
बारिश में भी देर रात तक कवियों की ओजस्वी रचनाओं को सुनने के लिए युवाओं का उत्साह देखने लायक रहा। आयोजन को सफल बनाने में चारभुजा मित्र मंडल का विशेष सहयोग रहा।
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