Thursday, November 13, 2025
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बयाना उप जिला अस्पताल में खांसी-जुकाम और वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों का लगा तांता

बूंदा-बांदी से तापमान में गिरावट, मौसम के बदलाव से बच्चे और नवजात बीमार, ओपीडी संख्या में भारी बढ़ोतरी

बयाना।
क्षेत्र में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। सुबह-शाम ठंडक और दिन में गर्मी की स्थिति बनी हुई है। बूंदा-बांदी के बाद तापमान में और गिरावट आने से नवजात और छोटे बच्चे तेजी से खांसी-जुकाम व वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। दीपावली के बाद बयाना उप जिला अस्पताल में बाल रोगियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। चिकित्सक अभिभावकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश धाकड़ ने बताया कि दीपावली पर पटाखों से फैले प्रदूषण और दिन-रात के तापमान में उतार–चढ़ाव के कारण बच्चों में खांसी, जुकाम और वायरल बुखार के मामलों में इज़ाफा हुआ है। एक माह से पांच वर्ष तक के बच्चों में वायरल इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है।

सीएचसी और निजी क्लीनिकों पर बढ़ी भीड़
बदलते मौसम का असर सबसे अधिक नवजात और छोटे बच्चों पर दिखाई दे रहा है। शहर की सीएचसी व निजी क्लीनिकों पर रोजाना बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या के उपचार के लिए लेकर पहुंच रहे हैं। बड़े बच्चों में भी खांसी-जुकाम का प्रकोप बढ़ा है।

डॉ. धाकड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि बच्चों में वायरल बुखार को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यदि बुखार के साथ नाक बंद हो, सांस लेने में दिक्कत हो या तेज खांसी बने तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं। लापरवाही की स्थिति में न्यूमोनिया होने का खतरा रहता है।

उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद वातावरण में प्रदूषण बढ़ा है और इसी बीच ठंड भी बढ़ने लगी है। ऐसे में प्रदूषण और ठंड का संयुक्त असर बच्चों की सेहत पर अधिक पड़ रहा है।


बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए डॉक्टरों की सलाह

  • घर और आसपास साफ-सफाई रखें।
  • बच्चों को सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनाएं।
  • नवजात और छोटे बच्चों को पैरों में मौजे व सिर पर ऊनी टोपी अवश्य पहनाएं।
  • सुबह जल्दी बच्चों को बिस्तर से बाहर न निकालें।
  • ठंडी हवा और धूल भरी जगहों पर बच्चों को न ले जाएं।
  • घर के अंदर-बाहर आते समय बच्चों को जूते पहनाकर रखें।
  • किसी भी प्रकार की समस्या पर चिकित्सक की सलाह से ही इलाज कराएं।

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