पोकरण।
ग्राम पंचायत केलावा में ग्राम विकास अधिकारी ममता राठौड़ की लापरवाही के चलते ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। पिछले दो वर्षों से केलावा पंचायत में तैनात ममता राठौड़ पंचायत मुख्यालय पर केवल तभी दिखाई देती हैं जब कोई जांच दल आता है या सरकारी शिविर आयोजित होता है। ग्रामीणों का आरोप है कि बाकी दिनों में वह न तो कार्यालय आती हैं और न ही ग्रामीणों के फोन कॉल्स का जवाब देती हैं।
ग्रामीण इनाम मेहर ने बताया कि इस समस्या को लेकर उन्होंने पंचायत समिति सांकड़ा को दूरभाष पर अवगत कराया कि क्या ग्राम विकास अधिकारी अब भी केलावा में तैनात हैं या उनका मुख्यालय बदलकर कहीं और कर दिया गया है। इस पर समिति की ओर से आश्वासन दिया गया कि अधिकारी को पंचायत में ही बैठने के आदेश दिए गए हैं। बावजूद इसके अधिकारी अपने स्वभाव में कोई बदलाव नहीं कर रही हैं और खुलेआम आदेशों की अवहेलना कर रही हैं।
इनाम मेहर ने बताया कि बच्चों के स्कूलों में दाखिले के लिए ‘जाति-मूल प्रमाण पत्र’ अनिवार्य होता है, जिस पर ग्राम विकास अधिकारी के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। अधिकारी की गैरहाजिरी व फोन न उठाने की वजह से समय पर प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे, जिससे बच्चों की पढ़ाई और भविष्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण भंवर सिंह, अब्दुल रज्जाक, अलमम, विजय सिंह, इन्द्र सिंह और उप सरपंच भगत कंवर ने भी चेतावनी दी है कि यदि यह स्थिति यूं ही बनी रही तो ग्रामीण जल्द ही बड़ा धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही पंचायत समिति में बैठकर अब तक हुए वित्तीय घोटालों की भी जांच की मांग उठाई जाएगी।
थार क्रॉनिकल ने इस विषय में ग्राम विकास अधिकारी ममता राठौड़ से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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