पादूकलां (नागौर)।
राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय, सथानाकलां में 70 औषधीय पौधों का रोपण कर एक सुंदर और उपयोगी हर्बल गार्डन का विकास किया गया है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण, आयुर्वेदिक ज्ञान के प्रचार और ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
सामाजिक सहभागिता से साकार हुआ पौधारोपण कार्य
ग्राम पंचायत सथानाकलां के बस स्टैंड पर स्थित आयुर्वेदिक औषधालय परिसर में आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम में डॉ. राहुल चौधरी व उनकी टीम के साथ-साथ कई सामाजिक व पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सहयोग देने वालों में प्रमुख नाम हैं – सामाजिक कार्यकर्ता रामदेव लोरा, प्रधानाचार्य रुघाराम राड़, पंचायत समिति सदस्य गोपाल सिंह, पूर्व सरपंच अयूब खान, कंपाउंडर उदय राज, उपसरपंच हरिराम लोरा, वार्ड पंच कैलाश चंद शर्मा, छोटूराम इनानिया, अर्जुन राम लोरा, भूराराम मेघवाल, संजय सिंह, जगदीश वैष्णव और परिचालक मदनाराम।

100 से अधिक औषधीय पौधों वाला गार्डन
डॉ. राहुल चौधरी ने जानकारी दी कि अब तक गार्डन में 100 से अधिक औषधीय पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें ऐसे पौधे शामिल हैं जो डेंगू, मलेरिया, सर्दी-जुकाम, वात रोगों सहित मौसमी बीमारियों से बचाव में उपयोगी हैं। स्थानीय ग्रामीणों को समय-समय पर इन पौधों के औषधीय गुणों के बारे में बताया जाता है और आगे भी जागरूकता बढ़ाने की योजना है।
“एक पेड़ मां के नाम” और “बिटिया पौधारोपण” जैसे अभियान भी शामिल
परिचालक मदनाराम और कंपाउंडर उदाराम ने बताया कि केवल औषधालय ही नहीं, बल्कि शिव मंदिर, गौशाला, देवस्थान, विद्यालय, मोक्ष धाम, भेरूजी के ओरण जैसे सार्वजनिक स्थलों पर भी पौधारोपण किया गया। इस अभियान में “हरियालो राजस्थान”, “एक पेड़ मां के नाम”, “बिटिया पौधारोपण” जैसे भावनात्मक अभियानों को भी जोड़ा गया।

प्रत्येक ग्रामीण को करना चाहिए पौधारोपण
डॉ. राहुल चौधरी ने लोगों से अपील की कि हर व्यक्ति को अपने खेत, आंगन, बाड़े, देवस्थान और सार्वजनिक स्थलों पर पौधे लगाने चाहिए। पेड़-पौधे धरती का श्रृंगार हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
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