नैकी और ईमानदारी का पैगाम — हजरत दुर्वेश गरीब अली शाह के नौवें उर्स में हुई तकरीरें

मशहूर मौलानाओं ने दी नेक काम और वतन परस्ती की हिदायत, गरीबों की सेवा और हक अदा करने पर दिया जोर, मिलाद के बाद जायरीनों को सिरनी (प्रसाद) वितरित

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स्थान: पादूकलां (नागौर)

हजरत दुर्वेश गरीब अली शाह के नौवें उर्स के मौके पर राजस्थान के मशहूर और मारूफ मौलानाओं ने नैकी के रास्ते पर चलने का संदेश दिया। मुफ्ती-ए-आजम राजस्थान, शेर मोहम्मद रजवी साहब ने तकरीर में कहा कि नेक काम करना और जायज कमाई करना हर मुसलमान का फर्ज है। उन्होंने कहा, “अगर आपके माता-पिता आपसे खुश नहीं हैं तो आपकी कोई इबादत मंजूर नहीं होगी। वतन परस्ती हर मुसलमान की पहचान है।”

हजरत मौलाना सैय्यद नूरी मियां साहब ने कहा कि वालिद की जायदाद में बहनों और रिश्तेदारों का हिस्सा होना चाहिए और किसी का हक नहीं मारना चाहिए। मौलाना सैय्यद फाजील मियां मैसूर ने दरबार के नेक अमल को जीवन में उतारने, जरूरतों को सीमित करने और जीवन को सरल बनाने की सलाह दी।

कार्यक्रम में नात ख्वान शरीफ साहब ने नाते और मनकबत पेश की। सैय्यद मोहम्मद अली साहब ने उर्स का अर्थ बताते हुए कहा कि यह वह अवसर है जब भूखों को खाना खिलाया जाता है और गरीबों की सेवा की जाती है। गदी नशीन फ़कीर रमजान अली खान साहब ने मौलाना हजरात की दस्तारबंदी कर उन्हें उपहार भेंट किए।

मुफ्ती अब्दुल अनान कलीमी हनफी (यूपी) और नायब शेरे राजस्थान मौलाना आदम साहब कादरी ने आए हुए मेहमानों का फूलमालाओं से स्वागत किया। आसपास के शहरों और कस्बों से असंख्य जायरीन मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी को सिरनी (प्रसाद) वितरित किया गया।


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