सूरतगढ़
नगर के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व वाले गणेश मंदिर के पीछे स्थित पौराणिक ढाबे की भूमि पर अतिक्रमण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा उक्त भूमि पर अवैध रूप से मलबा डालकर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह अतिक्रमण नगरपालिका कार्यालय से मात्र कुछ ही दूरी पर किया जा रहा है, बावजूद इसके पालिका प्रशासन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है। स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने बताया कि मंदिर क्षेत्र की यह भूमि वर्षों से धार्मिक उपयोग और सार्वजनिक हित से जुड़ी रही है, लेकिन अब इस पर कब्जे की कोशिशें लगातार बढ़ रही हैं।
सूचना मिलने के बाद भी नगर पालिका प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इससे स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। गणेश मंदिर के पुजारी के नेतृत्व में आज श्रद्धालुओं एवं नगरजनों का एक प्रतिनिधिमंडल उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचा और ज्ञापन सौंपकर शीघ्र कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में बताया गया कि यदि समय रहते अतिक्रमण को नहीं रोका गया तो मंदिर परिसर की पौराणिक पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुंच सकता है। पुजारी और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की कि तुरंत मलबा हटाकर भूमि की सीमांकन प्रक्रिया की जाए और भविष्य में इस प्रकार के अतिक्रमण पर सख्त रोक लगाई जाए।
उपखंड अधिकारी ने ज्ञापन प्राप्त कर उचित जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए जाएंगे कि मंदिर क्षेत्र की भूमि की स्थिति का सर्वे कराया जाए और यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो तुरंत हटाया जाएगा।
स्थानीय निवासियों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द ही सख्त कदम उठाकर इस ऐतिहासिक स्थल की पवित्रता को बनाए रखेगा
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