रिपोर्टर – गिरधारी, पुष्कर
पुष्कर/अजमेर, 18 जुलाई
पुष्कर और अजमेर में आज दिनभर हुई मूसलाधार बारिश ने बीते 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ठीक इसी दिन 18 जुलाई 1975 को क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हुए थे, और आज एक बार फिर वैसी ही तस्वीरें सामने आईं हैं।
पुष्कर, जो पहाड़ियों से घिरा एक पवित्र तीर्थस्थल है, वहां की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर रही। बारिश का पानी सड़कों, गलियों और मोहल्लों में भर गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुष्कर सरोवर का जलस्तर शाम तक लबालब हो सकता है, जो बीते वर्षों में कभी-कभार ही देखा गया है।
हर ओर पानी-पानी होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाजारों में दुकानें बंद रहीं और सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं। प्रशासन ने त्वरित राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। संवेदनशील इलाकों में नगरपालिका और पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। बिजली उपकरणों और खुले तारों से सावधान रहने की हिदायत दी गई है, जिससे किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
वहीं अजमेर शहर भी इस भारी वर्षा की चपेट में रहा। रेलवे स्टेशन के बाहर भारी जलभराव हो गया, जिससे यात्रियों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी। कई आवासीय क्षेत्रों में जलनिकासी बाधित हुई है। सड़कें जाम हो गईं और ट्रैफिक पुलिस को जगह-जगह पानी में फंसे वाहन निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
नगर निगम और प्रशासन की टीमों ने मोर्चा संभालते हुए रेस्क्यू और सफाई अभियान शुरू कर दिया है। फिलहाल, मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
मुख्य बिंदु:
- 50 वर्षों में सबसे भारी बारिश
- पुष्कर सरोवर लबालब भरने के कगार पर
- अजमेर रेलवे स्टेशन के बाहर जलभराव
- हर गली और मोहल्ला जलमग्न
- प्रशासन अलर्ट, राहत कार्य जारी
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