जसोल/बालोतरा।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष दशमी के पावन अवसर पर जसोलधाम में श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा। प्रातःकालीन मंगला आरती से ही मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भर गया। पूरे दिन मंदिर प्रांगण और आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। भक्तों ने मंदिर परिसर स्थित सभी देवालयों में विधिवत पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-शांति, समृद्धि एवं मंगल की कामना की।
प्रशासन ने की व्यवस्थाओं की समीक्षा
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन भी सक्रिय रहा।
जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव और जिला पुलिस अधीक्षक रमेश के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों का दल जसोलधाम पहुँचा।
दल में उपखण्ड अधिकारी बालोतरा अशोक कुमार विश्नोई, वृताधिकारी सुशील कुमार मान, उप तहसीलदार जसोल गेनाराम मीणा, थानाधिकारी जसोल चंद्रसिंह, पटवारी जसोल राजपाल सिंह चारण, नगर पालिका जसोल के अधिकारी तथा अन्य विभागीय अधिकारी शामिल रहे।
अधिकारियों ने मंदिर परिसर और आसपास की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। मंदिर संस्थान द्वारा की गई तैयारियों की प्रशंसा की गई और प्रशासन ने हर स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया।

2,500 श्रद्धालुओं का पैदल संघ पहुँचा जसोलधाम
इस पावन अवसर पर पचपदरा से 2,500 श्रद्धालुओं का विशाल पैदल संघ जसोलधाम पहुँचा।
संस्थान ने सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन, प्रसाद, पेयजल, रहवास और अन्य आवश्यक सुविधाओं की विशेष व्यवस्था की।

पूजन-अर्चन और प्रसाद अर्पण
श्रद्धालुओं ने मंदिर संस्थान द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार प्रवेश द्वार के सामने स्थित स्थल पर प्रसाद अर्पित किया।
इसके बाद भक्तों ने श्री राणीसा भटियाणीसा, श्री बायोसा, श्री सवाई सिंहजी, श्री लाल बन्ना सा, श्री खेतलाजी और श्री काला-गौरा भैरुजी के मंदिरों में पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

समिति सदस्य ने दिया संदेश
पैदल संघ मंडल ने दर्शन के बाद मंदिर संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल से शिष्टाचार भेंट की।
उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा—
“मां जसोल दयालु हैं। सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फलदायी होती है। मां पर विश्वास रखें और किसी अन्य माध्यम की आवश्यकता न समझें। मां के चरणों में श्रद्धा और सेवा से जुड़ें, मां का आशीर्वाद सदैव आप सब पर बना रहेगा।”
श्रद्धालुओं का अनुभव
पैदल संघ के श्रद्धालुओं ने बताया कि वे पिछले 11 वर्षों से हर साल जसोलधाम आते हैं और यह उनका 12वां संघ है।
उन्होंने संस्थान की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा—
“हजारों श्रद्धालु भी यदि एक साथ आ जाएं, तो भी यहां किसी को कोई असुविधा नहीं होती। संस्थान की व्यवस्थाएँ अद्वितीय और अनुकरणीय हैं।”
संस्थान की ओर से आधुनिक व्यवस्थाएँ
मंदिर संस्थान ने इस बार श्रद्धालुओं के लिए अत्याधुनिक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कीं, जिनमें शामिल हैं—
- प्रसाद चढ़ाने की सुव्यवस्थित व्यवस्था
- भीड़ नियंत्रण के लिए जिग-जैग रेलिंग्स
- सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
- पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम
- गोल्फ कार्ट व व्हीलचेयर सुविधा
- मिस्टिंग सिस्टम द्वारा गर्मी से राहत
- शुद्ध पेयजल एवं भोजन प्रसादी की उत्तम व्यवस्था
- रहवास हेतु सुसज्जित कमरे, डॉरमेट्रीज और हॉल्स
आस्था और सेवा का अनुपम संगम
पूरे दिन जसोलधाम में आस्था, भक्ति और सेवा का अनुपम दृश्य देखने को मिला।
भक्त मां जसोल के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करते हुए दिखाई दिए।
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