400 करोड़ की ठगी: भरतपुर पुलिस की बड़ी सफलता

भरतपुर में 400 करोड़ की ठगी: कम्बोडिया से जुड़ा था साइबर गैंग, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

भरतपुर पुलिस द्वारा 400 करोड़ की साइबर ठगी के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी, आरोपी हरे रंग की टीशर्ट में
भरतपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 400 करोड़ की साइबर ठगी में मुख्य आरोपी गिरफ्तार, आरोपी कम्बोडिया से ऑपरेट कर रहे विदेशी गैंग से जुड़ा था।

भरतपुर पुलिस ने 4 सौ करोड़ की ठगी के मामले में मुख्य सरगना को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी से पूछताछ में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। गिरफ्तार हुआ आरोपी रोहित अपने साथी शशिकांत के साथ विदेशी साइबर फ्रॉड के संपर्क में था। साथ ही कम्बोडिया में रहकर उसके साथी कंपनी का टेक्निकल काम देखते थे। दोनों आरोपी 7 बार कम्बोडिया भी जा चुके हैं। आरोपी को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया है।

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि 4 सौ करोड़ की ठगी के मामले में 6 गिरफ्तारी हो चुकी थी। अब भरतपुर पुलिस ने इस गैंग के सरगना रोहित दुबे को भी गिरतार कर लिया है। इस ठगी में मुख्य आरोपी शशि सिंह और रोहित दुबे हैं। आरोपी मिर्जापुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था। अपनी पत्नी के मोबाइल के वाईफाई से टेलीग्राम को यूज कर रहा था। यह अपना खुद का मोबाइल नंबर और सोशल मीडिया साइट्स यूज नहीं कर रहा था। भरतपुर पुलिस ने काफी कोशिश के बाद इसे गिरफ्तार किया है।

16 कंपनियों से कर रहे थे साइबर फ्रॉड

रोहित ने पूछताछ में बताया है कि उसने अपने लैपटॉप और मोबाइल को नदी में फेंक दिया है। उसकी जांच कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि उन्हें हम बरामद करने में सफल होंगे। रोहित और शशि ने करीब 25 कंपनियां फर्जी डायरेक्टर बनाकर खोली थी। जिसमें से 16 कंपनियां फर्जी थी। 16 कंपनियों के माध्यम से ही आरोपी साइबर फ्रॉड कर रहे थे। उन रुपयों को दूसरी कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर कर रहे थे। आरोपियों के विदेश पार्टनर भी हैं। उन्हें आरोपी टेक्निकल टीम कहते हैं। वह कम्बोडिया से ऑपरेट कर रहे हैं। रोहित की गिरफ्तारी के बाद उनके बारे में ज्यादा डिटेल्स मिलने की संभावना है।

विदेशी साइबर ठगों से भी था संपर्क

मुख्य आरोपी रोहित और शशिकांत ही पूरे साइबर फ्रॉड को हैंडल करते थे। दोनों आरोपी सिम लाकर देते थे और अपने साथियों से मीटिंग भी करते थे। दोनों आरोपी करीब 7 बार कम्बोडिया गए हैं। एक दो बार टीम के दूसरे भी लोगों को कम्बोडिया भेजा गया है। हालांकि उन्हें इस फ्रॉड में ज्यादा शामिल नहीं किया गया था। यह आरोपी विदेश साइबर फ्रॉड के संपर्क में थे। टेलीग्राम के ग्रुप पर वह लोग जुड़े हुए हैं। ग्रुप में मौजूद नाम से आरोपियों की पहचान नहीं हो पा रहे है। जांच में उन सभी आरोपियों का पता लगाया जाएगा।

एक ही कंपनी के नाम से लिए 25 मर्चेंट

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि इस गैंग का मुख्य सरगना रोहित दुबे और शशिकांत है। जिन्होंने मिलकर
एबंडेंस पेमेंट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड
नाम से एक कंपनी खोली। जिसका मुख्यालय बेंगलुरु (कर्नाटक) में बनाया। जो आरोपी गिरफ्तार किया है रोहित वह कंपनी का डायरेक्टर है और, टेक्निकल काम देखता है।

रोहित ने पूछताछ में बताया है कि उसने और शशिकांत सिंह ने फ़रवरी 2024 मेंएबंडेंस पेमेंट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड

कंपनी खोली थी। हम लोग कंपनी मर्चेंट से सीधे संपर्क नहीं करते। ऑन बोर्डिंग का सभी काम हम लोग रिसेलर के माध्यम से करते हैं। कंपनी के पास लगभग 25 मर्चेंट हैं। इनमें से अधिकतर कंपनियों का नियंत्रण (पे इन और पे आउट) तक हमारे पास रहता है। हम लोग ऑनलाइन गेमिंग और निवेश का झांसा देकर ठगी करते हैं।

एक शिकायत के बाद हुआ पूरे मामले का खुलासा

राहुल प्रकाश ने बताया कि इसके बाद धौलपुर थाने को तुरंत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। फिर इसे भरतपुर रेंज ऑफिस में ट्रांसफर कर जांच टीम बनाई। इस टीम ने फिनो पेमेंट बैंक के बारे में डिटेल खंगाली तो सामने आया कि धौलपुर के शिकायतकर्ता हरिसिंह के 35 लाख रुपए आगे चार कंपनियों के खातों में ट्रांसफर किए गए थे।
वाइट राहुल प्रकाश शर्मा आई जी पुलिस भरतपुर रेंज


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