संवाददाता – जयप्रकाश शर्मा, डीडवाना
डीडवाना।
राजस्थान सरकार की स्मार्ट मीटर योजना के खिलाफ लोगों का गुस्सा अब सड़कों पर उतरने लगा है। बुधवार को लाडनूं विधायक मुकेश भाकर के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने डीडवाना जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने स्मार्ट मीटर लगाए जाने का विरोध करते हुए भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान जिला कलेक्टर को बाहर आकर ज्ञापन लेने की मांग की गई।

कलेक्टर कार्यालय में घुसने का प्रयास, पुलिस से झड़प
जब काफी देर तक कलेक्टर बाहर नहीं आए, तो प्रदर्शनकारियों का आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने जबरन कलेक्टर कार्यालय में घुसने का प्रयास किया। इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी देखने को मिली। पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए उन्हें कार्यालय के भीतर प्रवेश करने से रोका।
बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों में से एक प्रतिनिधिमंडल को भीतर बुलाकर ज्ञापन लिया गया।

ज्ञापन में गिनाए स्मार्ट मीटर के खतरे
विधायक मुकेश भाकर ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में स्मार्ट मीटर योजना से जुड़े विभिन्न नुकसान बताए। इनमें मुख्य रूप से निम्न बिंदु शामिल रहे:
- स्मार्ट मीटर की उच्च प्रारंभिक लागत
- डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा का खतरा
- तकनीकी खराबी की आशंका
- उपभोक्ताओं के लिए प्रणाली की जटिलता
- स्वास्थ्य से संबंधित संभावित प्रभाव
- नेटवर्क पर अत्यधिक निर्भरता
- गलत बिलिंग की आशंका
- ग्रामीण क्षेत्रों में कम तकनीकी साक्षरता के कारण उपयोग में परेशानी

विधायक भाकर ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन के दौरान विधायक मुकेश भाकर ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह ₹14,000 करोड़ की योजना जनता के पैसे की बर्बादी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बिजली की सप्लाई खुद सरकार ठीक से नहीं कर पा रही है, कोयले की कमी से बिजली कटौती हो रही है, और किसानों को वीसीआर के नाम पर लूटा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि फ्री बिजली योजनाएं बंद कर दी गई हैं और अब स्मार्ट मीटर के नाम पर आमजन को ठगा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब न्यायालय तक इस योजना को आम जनता के लिए हानिकारक बता चुके हैं, तो सरकार इसे जबरन क्यों लागू कर रही है?

आंदोलन तेज करने की चेतावनी
विधायक भाकर ने चेताया कि यदि सरकार ने स्मार्ट मीटर योजना को बंद नहीं किया, तो गांव-गांव में विरोध प्रदर्शन और तीव्र होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यदि हालात बिगड़े, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

आख़िर में सौंपा गया ज्ञापन
सभी विरोध और नारों के बीच आखिर में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट मांग की गई कि स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत प्रभाव से रोका जाए और पुरानी मीटरिंग प्रणाली को ही लागू रखा जाए।
डीडवाना में हुआ यह प्रदर्शन केवल एक क्षेत्र की आवाज नहीं, बल्कि प्रदेशभर में बढ़ते असंतोष का संकेत है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस जनविरोध के बीच क्या रुख अपनाती है।
Discover more from THAR CHRONICLE
Subscribe to get the latest posts sent to your email.