📍 डूंगरपुर | संवाददाता – सादिक अली
बांसवाड़ा-डूंगरपुर से लोकसभा सांसद राजकुमार रोत ने संसद में PM-कुसुम योजना को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार की किसान और आदिवासी विरोधी नीतियाँ अब योजनाओं के क्रियान्वयन में साफ दिखाई देने लगी हैं।
सांसद रोत ने लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के माध्यम से जानकारी मांगी थी कि इस योजना के तहत कितने किसानों ने आवेदन किया और कितनों को लाभ मिला। इस पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा दिए गए आधिकारिक उत्तर में बताया गया कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों से 22,112 किसानों ने आवेदन किया था, लेकिन इनमें से केवल 909 किसानों को ही लाभ दिया गया। यह कुल संख्या का महज 4.11% है।
601 किसानों को राज्य सरकार से और 308 को AVVNL से मिला लाभ
सरकारी आँकड़ों के अनुसार:
- 601 किसानों को राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग द्वारा सोलर पंप प्रदान किए गए।
- 308 किसानों को अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) द्वारा लाभ मिला।
ST किसानों को पूर्ण अनुदान क्यों नहीं? सांसद का सवाल
सांसद रोत ने सवाल उठाया कि क्या अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के गरीब किसानों को पूर्ण अनुदान नहीं दिया जाना चाहिए? उन्होंने पूछा कि यदि सरकार वाकई में आदिवासी किसानों के उत्थान के प्रति संवेदनशील है तो फिर उन्हें योजना में केवल 30% की केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) क्यों मिल रही है?
सरकारी उत्तर में साफ किया गया कि योजना के तहत SC/ST सहित सभी किसानों को समान रूप से 30% CFA दी जाती है, जबकि शेष लागत राज्य सरकार और किसानों द्वारा वहन करनी होती है।
सांसद की दो टूक मांग – अतिरिक्त सब्सिडी और जनजागरूकता शिविर जरूरी
राजकुमार रोत ने सरकार से PM-कुसुम योजना में SC/ST किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि जरूरतमंद किसानों तक सही जानकारी पहुंचे, इसके लिए विशेष जनजागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं।
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