स्थान :डूंगरपुर/राजस्थान रिपोर्ट: सादिक़ अली
राजस्थान में शुरू की गई स्मार्ट मीटर योजना को लेकर डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजकुमार रोत ने गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर योजना को आमजन, विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी वर्ग के लिए असहज व आर्थिक रूप से भारी बताया है।
सांसद रोत ने बताया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को पहले रिचार्ज करवाना होगा, तभी बिजली की आपूर्ति मिलेगी। यह व्यवस्था ग्रामीण, वृद्ध और तकनीकी जानकारी से वंचित लोगों के लिए बेहद जटिल है। उन्होंने सवाल उठाया कि रात या अचानक ज़रूरत पड़ने पर गरीब परिवार बिजली रिचार्ज कैसे कर पाएंगे, जब उनके पास न तो स्मार्टफोन है और न ही स्थाई आय?
उन्होंने यह भी बताया कि बिजली बिलों में उपभोक्ताओं से पहले ही कई प्रकार के अनावश्यक शुल्क वसूले जा रहे हैं —
नगरीय उपकर: ₹45.90 प्रति माह
मीटर सुरक्षा शुल्क: ₹10 से ₹20 प्रति माह
स्थाई शुल्क और फ्यूल सरचार्ज मिलाकर ₹600
कुल मिलाकर ₹800 तक का टैक्स हर माह
इसके अलावा पहले जहां दो महीने का बिल आता था, अब हर महीने बिल आने से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना का लाभ टैक्स में दबकर रह गया है, और जनता भ्रमित होकर अनावश्यक बिल भर रही है।
सांसद ने मांग की है कि सरकार इस योजना पर पुनर्विचार कर इसे तत्काल प्रभाव से बंद करे और जनता को बिजली बिलों में लगने वाले शुल्कों से राहत दे।

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