स्थान: हनुमानगढ़, राजस्थान
रिपोर्टर: जगत जोशी
हनुमानगढ़। कल देर शाम शहर के बीचों-बीच हुई एक सनसनीखेज़ वारदात ने पूरे टाउन को दहला दिया। जानकारी के अनुसार टाउन के वार्ड 36 निवासी युवक नियाज़ खान अपने दोस्त के साथ बाइक पर घर लौट रहा था। जैसे ही दोनों दशहरा ग्राउंड के पास पहुँचे, अचानक कुछ अज्ञात लोगों ने नियाज़ खान पर ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया। हमले के बाद युवक गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर पड़ा।
स्थानीय लोगों की मदद से उसे हनुमानगढ़ ट्रॉमा सेंटर पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को नाजुक बताते हुए श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन अफ़सोस की बात यह रही कि इलाज के दौरान नियाज़ खान ने दम तोड़ दिया।

मृतक के परिजनों ने इस वारदात को सुनियोजित हत्या करार देते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लेकिन इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और शहर की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि दशहरा ग्राउंड लंबे समय से नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। यहाँ पर शराब पीने, जुआ खेलने और नशे का कारोबार खुलेआम होता है। नागरिक कई बार इस समस्या को लेकर विरोध जता चुके हैं और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की, लेकिन ढीली कार्यवाही के कारण हालात सुधरने की बजाय बिगड़ते ही जा रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या प्रशासन और पुलिस जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम हो रही है? जब शहर के बीचों-बीच दशहरा ग्राउंड जैसे व्यस्त इलाके में सरेआम युवक की चाकू मारकर हत्या हो सकती है, तो आमजन की सुरक्षा आखिर किस भरोसे पर टिकी हुई है?
विशेषज्ञों और नागरिकों का मानना है कि नशे और अपराध पर सख्त अंकुश लगाया जाए, असामाजिक तत्वों पर तुरंत कार्रवाई हो और शहरवासियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। हर नागरिक का यह हक़ है कि वह अपने शहर में बिना डर के सुरक्षित जीवन जी सके।
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