आशा कार्यक्रम: जैसलमेर में बेटियों के हक़ में समन्वित प्रयास

ब्लॉक व सेक्टर स्तर पर कार्यशालाओं के ज़रिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और आशान्वित कार्यक्रम पर दिया गया ज़ोर

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जैसलमेर, 02 अगस्त।
जिला प्रशासन जैसलमेर और महिला अधिकारिता विभाग द्वारा एक समन्वित प्रयास के तहत “आशा कार्यक्रम” का आयोजन ब्लॉक व सेक्टर स्तर पर किया गया। यह कार्यक्रम “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” और नीति आयोग के “आशान्वित जिला कार्यक्रम” के मानक संकेतकों में सुधार को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया।

चार ब्लॉकों में जागरूकता कार्यशालाएं

कार्यक्रम के तहत जैसलमेर, पोकरण, नाचना और म्याजलार ब्लॉकों में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी और साथिनों को मानक संकेतकों के प्रति संवेदनशील किया गया। इनमें जन्म के समय लिंगानुपात में सालाना 2 प्रतिशत सुधार, संस्थागत प्रसव की दर को 95% से अधिक बनाए रखना, प्रथम तिमाही में प्रसव पूर्व जांच, पूरक पोषण की प्राप्ति, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभ और बालिकाओं के नामांकन में वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।

लिंग चयन पर रोक और महिलाओं की सुरक्षा पर ज़ोर

कार्यशाला के दौरान लिंग चयन और भ्रूणहत्या की मानसिकता को त्यागने का संदेश दिया गया। संरक्षण अधिकारी चन्द्रवीर सिंह भाटी ने महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों से संबंधित नवीन कानूनों की जानकारी दी।

राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी गई

पंचायत समिति जैसलमेर के सभागार में उपनिदेशक अशोक कुमार गोयल ने “मुख्यमंत्री लाड़ो प्रोत्साहन योजना” और “मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना” की जानकारी दी और इनके अधिक प्रचार-प्रसार पर ज़ोर दिया। वहीं, नाचना में माया विश्नोई और ज्योति वर्मा ने “कालीबाई भील उड़ान योजना” के तहत किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन उपयोग हेतु जागरूक किया।

मुख्य अधिकारी रहे उपस्थित

इस समन्वित अभियान में विभिन्न विभागों के अधिकारी जैसे करण सिंह (बाल विकास परियोजना अधिकारी, पोकरण), पंकज यादव (बाल विकास परियोजना अधिकारी, सम), निखिल शर्मा (ब्लॉक सीएमएचओ, सम), और देवीदान (WHO ब्लॉक समन्वयक) की सक्रिय भागीदारी रही।


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