पोकरण | संवाददाता
पोकरण क्षेत्र के थाट गांव के निवासी डूंगरराम मेघवाल को 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें पट्टू कांटन शॉल बुनाई में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह द्वारा प्रदान किया गया।
पारंपरिक बुनाई का समर्पण
डूंगरराम मेघवाल पिछले 26 वर्षों से पारंपरिक हथकरघा बुनाई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने यह पारंपरिक कौशल अपने पिता से सीखा और वर्षों से इसे अपनी मेहनत और लगन से जीवंत बनाए रखा है। खास तौर पर राजस्थान के मारवाड़ी परंपरा की पहचान मानी जाने वाली पट्टू शॉल बुनाई में उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया है।

हुनर की राष्ट्रीय पहचान
राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार उन कलाकारों को दिया जाता है जो न केवल पारंपरिक कला को जीवित रखते हैं, बल्कि उसकी गुणवत्ता, डिज़ाइन और उत्पादन के स्तर को भी ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। डूंगरराम मेघवाल को यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत कौशल की पहचान है, बल्कि यह पूरे पोकरण क्षेत्र और राजस्थान की बुनाई परंपरा के लिए गर्व का विषय है।
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