देगराय (जैसलमेर)
मंगलवार सुबह देगराय ओरण क्षेत्र के छोङिया सरहद में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां हाईटेंशन लाइन में करंट लगने से टोनी ईगल की मौके पर ही मौत हो गई। इस क्षेत्र में हाल ही में बड़ी संख्या में पक्षियों का आगमन शुरू हुआ है, लेकिन जैसे ही ये प्रवासी और स्थानीय पक्षी आते हैं, बिजली की इन खतरनाक लाइनों से टकराकर उनकी जान चली जाती है।
वन्यजीव प्रेमियों ने जताई गहरी चिंता
वन्यजीव प्रेमी सुमेर सिंह भाटी ने बताया कि हाईटेंशन लाइनों से न सिर्फ ईगल, बल्कि गोडावण, कुरजा, बाज, गिद्ध सहित कई दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियां मौत का शिकार हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संरक्षण का दावा करने वाली संस्थाएं इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, देगराय संरक्षण क्षेत्र को भी हटाने की कोशिश की जा रही है, जो जैव विविधता और पक्षियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट आदेश के बावजूद कार्रवाई ठप
भाटी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने रेगिस्तान क्षेत्र में पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाईटेंशन लाइनों को अंडरग्राउंड करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नतीजा यह है कि हर साल हजारों की तादाद में प्रवासी और स्थानीय पक्षी बिजली के करंट से दम तोड़ देते हैं।
सवाल — आखिर इन बेजुबानों को बचाएगा कौन?
देगराय ओरण क्षेत्र और आसपास की बस्तियों में लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि जब संरक्षण संस्थाएं और जिम्मेदार विभाग चुप हैं, तो आखिर इन बेजुबान पक्षियों की रक्षा कौन करेगा? पक्षी प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यह इलाका दुर्लभ पक्षियों के लिए कब्रगाह बन सकता है।
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