रामदेवरा/पोकरण।
लोकदेवता बाबा रामदेव जी के भक्तों और सम्पूर्ण मरु प्रदेश के निवासियों की आँखों की जाँच और उपचार का संकल्प अब एक बड़ा आन्दोलन बन गया है। नेत्रकुम्भ प्रबंधक परिवार ने हर जातरू और मरूवासी तक नेत्र-जाँच की सुविधा पहुँचाने को लक्ष्य बनाया है।

रेतीली आँधियाँ बन रहीं मुख्य कारण
01 अगस्त से चल रहे नेत्रकुम्भ के आँकड़ों के अनुसार चिकित्सकों ने पाया कि लगभग हर आगंतुक की नेत्रज्योति कमजोर है। इसका प्रमुख कारण मरुस्थल की सालभर चलने वाली रेतीली आँधियाँ और बवंडर बताए गए हैं। धूल-पत्थर के महीन कण आँखों को लगातार प्रभावित करते हैं और उपचार या परामर्श के अभाव में समय के साथ दृष्टि को कमजोर कर देते हैं। चश्में दिए जाने का औसत राष्ट्रीय स्तर से कई गुना अधिक दर्ज किया गया है, जो प्रदेशवासियों की आँखों की उपेक्षा को दर्शाता है।

जागरूकता अभियान और सेवा व्यवस्था
आयोजकों ने गाँव-गाँव और घर-घर जाकर लोगों को आँखों की जाँच के लिए प्रेरित करने हेतु जागरूकता अभियान शुरू किया है। वहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और जातरुओं की सुविधा के लिए रामदेवरा रेलवे स्टेशन, रोडवेज और प्राइवेट बस स्टैंड तथा बाबा रामदेव जी मंदिर परिसर के पास बस, टैक्सी और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय स्तर के अतिथि हुए शामिल
नेत्रकुम्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले, राजस्थान क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी जी, जयपुर प्रान्त सेवा प्रमुख सूर्यप्रकाश जी, जोधपुर प्रान्त सेवा प्रमुख नटवर जी, सह-सेवा प्रमुख तुलसाराम जी, जोधपुर प्रान्त प्रचार प्रमुख पंकज जी और पाथेय कण के सह-प्रबंध सम्पादक श्याम सिंह जी पधारे और पूरे परिसर का निरीक्षण किया।

आँकड़े खुद कह रहे कहानी
16 अगस्त को आयोजित नेत्रकुम्भ में—
- 3211 लोगों का पंजीकरण
- 3136 रोगियों को परामर्श
- 2365 लाभार्थियों को निःशुल्क चश्में
- 2592 रोगियों को दवाइयाँ प्रदान की गईं।
हजारों की संख्या में आ रहे जातरुओं और स्थानीय निवासियों की सेवा देखकर देशभर से आए अतिथि भी आयोजन की वैज्ञानिक पद्धति और प्रामाणिक उपचार व्यवस्था की सराहना कर रहे हैं।
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