Monday, October 27, 2025
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पोकरण वार्ड 2, 3 और 4 सेवा शिविर: सुप्रीम कोर्ट आदेश के अनुसार 748 कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग

पोकरण

पोकरण शहर के वार्ड नंबर 2, 3 और 4 में आयोजित सेवा शिविर में ज्ञापन में पुखराज माली व कैलाश माली ने प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट आदेश के पालन कर राजस्थान सरकार से नियुक्ति दिलाने की मांग की। कर्मचारी 21 वर्षों से न्याय और रोजगार से वंचित हैं और अब राज्य सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।

ज्ञापन में बताया कि राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत के समय 13 जिलों — जोधपुर, पाली, चितौड़गढ़, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, बीकानेर, उदयपुर, बारां, डूंगरपुर, राजसमंद, बासवाड़ा और अजमेर — में भारत सरकार और राजस्थान सरकार के सहयोग से लोक जुम्बिश परियोजना द्वारा 102 विकासखंड, 13,763 ग्राम पंचायत, 16,420 राजस्व गांव और 57 शहरी क्षेत्रों में पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय भाग और दक्षिण राजस्थान के आदिवासी भाग में प्राथमिक शिक्षा और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 2002 में विभिन्न पदों पर कर्मी नियुक्त किए गए थे।

इन पदों में संकुल सहयोगी, प्रशिक्षिका, शिक्षाकर्मी, विस्तार केंद्र प्रभारी, संकुल प्रभारी, लिपिक, मुक्तागन और चपरासी शामिल थे। लेकिन 30 जून 2004 को बिना आदेश 748 कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा मुक्त कर दिया गया। इनमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 50 प्रतिशत पुरुष थे। जबकि लोक जुम्बिश में समान कार्य करने वाले 948 अनुबंधित कर्मचारियों को सर्व शिक्षा अभियान में समायोजित कर लिया गया।

सेवा बहाली हेतु माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन नंबर 4945/2004 की याचिका दायर की गई थी, जिसका निर्णय दिनांक 28.03.2007 को 748 लोक जुम्बिश कर्मचारियों के पक्ष में आया। इसके बाद सरकार ने डी.बी. स्पेशल अपील रिट नंबर 525/2007 दायर की, जिसका निर्णय 23.01.2018 को भी कर्मचारियों के पक्ष में आया।

राजस्थान उच्च न्यायालय के डबल बेंच के निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में याचिका (SLP नंबर 1402-1411/2019, डायरी नंबर 41465/2018) दायर की गई, जिसका निर्णय दिनांक 18.03.2025 को भी इन 748 कर्मचारियों के पक्ष में आया। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखते हुए सरकार की अपील को खारिज कर दिया।

वही ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि हमारी नियुक्ति दिलाई जाए


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