किशोर सोलंकी
पोकरण का जिला चिकित्सालय, जहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, एक बार फिर निर्माण कार्य की लापरवाही के चलते सुर्खियों में है। कुछ माह पूर्व ही पहली बारिश में अस्पताल की आरसीसी छत का मलबा महिला और पुरुष वार्ड में गिर गया था। उस दौरान अस्पताल परिसर में कई जगह पानी भर गया। इस मामले को थार क्रॉनिकल ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया।
8.50 लाख की निविदा, दो माह की समय सीमा
पीडब्ल्यूडी पोकरण ने अस्पताल भवन की मरम्मत के लिए ₹8.50 लाख की निविदा (एनआईटी) 30 मई 2025 को जारी की। इसकी अंतिम तिथि 10 जून रखी गई थी। सूत्रों के अनुसार रणुजा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने यह कार्य 20 प्रतिशत कम दर यानी करीब ₹6.80 लाख में लिया। मरम्मत कार्य की अवधि दो माह निर्धारित की गई।

टुकड़ी हाथ से उखड़ गई, घटिया निर्माण उजागर
ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ करते ही छत पर ‘टुकड़ी’ लगाने का काम शुरू किया गया। इसी दौरान भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष जितेंद्र माली समेत कई गणमान्य नागरिकों ने निरीक्षण किया। उन्होंने टुकड़ी को हाथ से ही उखाड़कर देखा, जो मामूली प्रयास में ही निकल गई। इस पर माली ने कड़ी नाराजगी जताते हुए ठेकेदार को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि “यह कार्य मरीजों की सुरक्षा से जुड़ा है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
पीडब्ल्यूडी अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आए
इस मामले में जब पीडब्ल्यूडी एक्सईएन हर्षवर्धन डाबी से बात की गई तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने केवल इतना कहा कि “कल बात करते हैं।” जब पूछा गया कि क्या उन्होंने कार्य का निरीक्षण किया है, तो बोले “3-4 दिन पहले साइट पर गया था।” बाकी जानकारी के लिए एईएन से संपर्क करने को कहा, फिर बताया कि एईएन व्यस्त हैं।

पहले भी घटिया निर्माण के उदाहरण
गौरतलब है कि पोकरण में इससे पूर्व भी घटिया निर्माण के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। जो पोकरण में आम जनता की चर्चा बानी हुई है कि पोकरण रेलवे स्टेशन मार्ग पर बना पुल पहली ही बारिश में टूट गया, जिस पर कोई कार्यवाही न कर 50 लाख का नया टेंडर जारी कर निर्माण शुरू कर दिया गया। इसी तरह रामदेवरा में ठेकेदार की गारंटी में बनी सीसी रोड को छोड़कर इंटर लॉकिंग का नया टेंडर जारी कर दिया गया, जिससे विभाग को नुकसान हुआ और ठेकेदार को फायदा पहुँचा।
विधायक की सजगता, फिर भी अधिकारी मौन
पोकरण विधायक महंत प्रताप पूरी स्वयं अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर सजग बताए जाते हैं और समय-समय पर निरीक्षण भी करते रहते हैं। मगर सूत्रों का कहना है कि इस बार इस कार्य में भाजपा के किसी बड़े नेता का नाम जुड़ा होने के कारण पीडब्ल्यूडी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। अब देखना यह होगा कि विधायक महंत प्रताप पूरी इस घटिया कार्य पर क्या कदम उठाते हैं।
मरीजों की सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल
कुछ दिन पूर्व ही छत का मलबा वार्ड में गिरा था। संयोग से उस समय कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। लेकिन यदि पीडब्ल्यूडी ठेकेदार को गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए पाबंद नहीं करता, तो भविष्य में मरीजों के घायल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि मरीजों की सुरक्षा के साथ कब तक खिलवाड़ होता रहेगा?
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