कुलदीप छंगाणी : जैसलमेर (पोकरण )
पोकरण– एसडीएम प्रभजोत सिंह गिल का तबादला पोकरण से 8 अप्रैल को हो गया था, तबादले के दो दिन बाद ही नए एसडीएम लाखाराम ने पोकरण में अपनी नियुक्ति भी हासिल कर ली । लेकिन उनके सरकारी निवास के बाहर अब भी निर्वतमान एसडीएम प्रभजोत सिंह गिल का ही नाम चमचमा रहा है, मानो सिस्टम खुद भी उन्हें भूला नहीं पा रहा हो ।
दिलचस्प बात यह है कि नए एसडीएम लाखाराम कुछ दिन डाक बंगले में रहने के बाद अब पिछले दो महीने से उसी आवास में रह रहे हैं। लेकिन नाम प्लेट देखकर बाहर से आने वालों को अब भी यही लगता है कि साहब तो अभी भी प्रभजोत सिंह गिल ही है । अब भले अंदर से फाइलें नए अफसर के दस्तखत से निकल रही हों, लेकिन बाहर की दीवार पर पुरानी पहचान अब भी मजबूती से टिकी है।

कब हटेगी भूतपूर्व पहचान?
दो महीने से अधिक का समय हो जाने बाद भी प्रभजोत सिंह गिल की नाम प्लेट नही हटने पर शहरवासी चुटकी ले रहे कि ,क्या पता विधायक जी वापिस उस ईमानदार अफसर को लाना चाहते है इसलिए नाम प्लेट बदलकर खर्चा नहीं बढ़ा रहे । लेकिन जिम्मेदारों को अब यह तय करना होगा कि दीवार पर लटकी ये ‘भूतपूर्व पहचान’ कब हटेगी ?
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