श्याम माथुर, नागौर
नगर के प्राचीन श्री माणिभद्र वीर धाम मंदिर में 7 नवंबर को भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस धार्मिक अवसर पर आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी महाराज की पावन उपस्थिति रहेगी।
मंदिर जैन परंपरा की आस्था और इतिहास से गहराई से जुड़ा है। बताया जाता है कि मंदिर परिसर से भूगर्भ में प्राचीन श्री शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। इसके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया, और अब यह नव निर्मित, भव्य, दिव्य और कलात्मक स्वरूप में तैयार हो चुका है।

मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार यह स्थान माणिभद्र वीर देव के सिद्धसाधक यति महाराज की सिद्धपीठ यानी मुख्य गादी रहा है। जैन परंपरा में उस समय आचार्य से पहले “यति” संप्रदाय की परंपरा प्रचलित थी। लगभग 100 वर्ष से बंद पड़े इस मंदिर को वर्ष 2016 में पुनर्जीवन मिला, जब यहां से प्राचीन प्रतिमा की खोज हुई। आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी को जानकारी देने के बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ हुआ।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस प्रतिमा पर विक्रम संवत 1535 का शिलालेख अंकित है, जो इसकी ऐतिहासिकता का प्रमाण है। इसके अलावा मंदिर परिसर में स्थित पीपल का पेड़ तीन शक्तियों वाला माना जाता है और कई वर्षों से यह चमत्कारिक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर क्षेत्र के जैन समाज में उत्साह का माहौल है और श्रद्धालु भव्य समारोह में भाग लेने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
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