पादूकलां में हजरत दुर्वेश गरीब अली शाह के नौवें उर्स की महफ़िल में गूंजी कव्वालियां, अदा की गई अमन-चैन की दुआएं

नमाजे जौहर के बाद गदी नशीन फ़कीर रमजान अली खान ने नौ कुटी दरबार में पेश की चादरें, देशभर के मशहूर कव्वालों ने पेश किया कलाम

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स्थान: पादूकलां (नागौर)

“दरबारे ग़रीब नवाज़ में वही जाते हैं जिन्हें ख्वाजा साहब बुलाते हैं” — इसी आस्था और श्रद्धा के साथ पादूकलां कस्बे के सथाना रोड स्थित हजरत दुर्वेश गरीब अली शाह के नौवें उर्स की तीसरे दिन की महफ़िल नमाजे जौहर के बाद शुरू हुई। इस अवसर पर देश के मशहूर कव्वालों ने ख्वाजा गरीब नवाज़ और कलीयर शरीफ़ की शान में कलाम पेश कर महफ़िल-ए-शमा का आगाज़ किया।

सथाना, पादूकलां, डांगावास और आसपास के गांवों से आई चादरों को गदी नशीन फ़कीर रमजान अली खान साहब ने नौ कुटी दरबार में पेश किया और अमन-चैन की दुआएं कीं। उन्होंने कहा कि यह नौ कुटी दरबार है और इसमें आने वाला हर जायरीन दरगाह का मेहमान है। यहां हर जायज मुराद पूरी होती है।

फ़कीर रमजान अली खान ने आगे कहा — “हम तो सिर्फ खिदमतगार हैं, असल मालिक हजरत दुर्वेश गरीब अली शाह हैं, जो अपने मेहमानों का विशेष ख्याल रखते हैं।” उन्होंने बताया कि रात नमाजे ईशा के बाद अजमेर, कोटा, उदयपुर और प्रदेश के अन्य हिस्सों से आए मशहूर कव्वाल कलाम पेश करेंगे।

उर्स में व्यवस्थाओं को दरगाह के खिदमतगार सुचारू रूप से संभाल रहे हैं। कार्यक्रम में मेवड़ा, नथावड़ा, बिखरनिया कलां, पालड़ी कलां, मांडलजोधा, डोडियाना, थांवला, मोकाला, मेडता, पादूखुर्द, सेंसड़ा, गवारडी सहित कई गांवों के गणमान्य लोग मौजूद रहे।


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