पादूकलां। कस्बे के पद्मावती सरोवर किनारे स्थित सियाराम धाम परिसर का शनि मंदिर शनिवार को शनि अमावस्या के पावन अवसर पर भक्तिभाव से सराबोर रहा। अलसुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ पड़ीं। श्रद्धालुओं ने भगवान शनि देव के चरणों में धोक लगाकर परिवार, समाज और देश की सुख-समृद्धि की कामना की।
सुबह से देर रात तक मंदिर परिसर श्रद्धामय माहौल से गूंजता रहा। भक्तों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और शनि महाराज को तिल, तेल, उड़द व पुष्प अर्पित किए। गौ-सेवा कर श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित किया और दान-दक्षिणा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
विशेष आयोजन और प्रवचन
सियाराम धाम के महंत महामंडलेश्वर संतदास जी महाराज एवं महंत राधादास त्यागी जी महाराज ने बताया कि हर शनिवार को शनि देव को खिचड़ी का भोग अर्पित किया जाता है, लेकिन शनि अमावस्या पर विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन और प्रवचन का दौर भी चला। महंत राधादास त्यागी जी महाराज ने श्रद्धालुओं को शनि देव की महिमा का गुणगान सुनाया।

भक्तों की आस्था का केंद्र
इस दौरान दूर-दराज़ के गांवों से आए श्रद्धालुओं ने भी शिरकत की। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने श्रद्धा-भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। कई श्रद्धालुओं ने व्रत-उपवास कर शनि देव का विशेष पूजन किया। मंदिर परिसर और पद्मावती सरोवर क्षेत्र में भारी भीड़ होने से पूरा इलाका मेले जैसा नजर आया।
दान-पुण्य और भंडारा
दिनभर श्रद्धालुओं ने तिल, तेल, उड़द, कपड़े और अन्न दान किया। गौशाला में जाकर गायों को चारा खिलाया और मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण किया। आयोजकों की ओर से भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था भी की गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
धार्मिक वातावरण में डूबा कस्बा
शाम होते-होते मंदिर परिसर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। आरती के दौरान शनि देव की महिमा का गान करते हुए भक्त भाव-विभोर हो उठे। पूरे कस्बे में धार्मिक वातावरण बना रहा और देर रात तक शनि भक्ति के गीत गूंजते रहे।
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