डूँगरपुर (राजस्थान) / रिपोर्टर: सादिक़ अली
संसद में झालावाड़ जिले के सरकारी विद्यालय की छत गिरने से हुई सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत को लेकर आज संसद में बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में सभी सांसदो के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
संसद परिसर में स्थित मुख्य द्वार पर सांसद राजकुमार रोत ने हाथों में बेनर के साथ स्कूल में मारे गए बच्चों के मुआवजे को लेकर राजस्थान सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया। इस दौरान RLP सांसद हनुमान बेनीवाल, आजाद समाज पार्टी सांसद चन्द्रशेखर भाई, सपा सांसद ईकरा हसन, AAP पार्टी सांसद संजय सिंह, JKNC जम्मू-कश्मीर सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी एवं निर्दलीय दमन द्वीप सांसद सांसद उमेश भाई सहित सभी सांसदों ने हाथ में बेनर लेकर कड़ा एतराज जताया।
सांसद हनुमान बैनीवाल ने राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर कड़े सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह हादसा केवल एक चूक नहीं, बल्कि सरकार की उपेक्षा और व्यवस्था की विफलता का परिणाम है और राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए या इन्हें बर्खास्त किया जावे।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि हवाई जहाज दुर्घटना में मृतकों को 1-1 करोड़ मुआवजा और स्कूल में पढ़ने वाले मृतक बच्चों को 10-10 लाख क्यों ? सरकार मानव-मानव में भेद क्यों कर रही है ? राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गैर-जिम्मेदारना बयान दिया है। मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की और पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की।
सांसदों के साथ में लिए बैनरों पर लिखा था कि “हमें शिक्षा दो, मौत नहीं – मृतक छात्र झालावाड़ राज”, “हम तो पाठशाला समझ रहे थे, ये तो आपकी मृत्युशाला थी”, और “जाति नहीं धर्म देखकर गोली मारी थी, अब मुआवज़ा जाति देखकर क्यों?”। साथ ही कहा कि जो बच्चे शिक्षा के लिए स्कूल गए थे, उन्हें लापरवाही की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि “लंदन जाने वाले को 1 करोड़ और स्कूल जाने वाले को 10 लाख, क्या यही मानव-मानव में न्याय है?”
इस दौरान सभी संसद सदस्यों की जुबां पर एक ही शब्द थे कि यह हादसा केवल एक राज्य की घटना नहीं, बल्कि पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था पर कलंक है।
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