सांगानेर विधानसभा (डब्लू. गोस्वामी) – सरकार जहां ग्रामीणों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाओं के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं जयसिंहपुरा उप स्वास्थ्य केंद्र की हकीकत बिलकुल उलट है। अस्पताल के अंदर दवाइयों का ढेर कचरे की तरह पड़ा है और चारों ओर गंदगी का आलम है।
ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र पर तैनात सीएचओ सोनू चौधरी सप्ताह में केवल एक-दो दिन ही आती हैं, जबकि रजिस्टर में पूरे सप्ताह की उपस्थिति दर्ज कर दी जाती है। इस लापरवाही पर पीएचसी महापुरा प्रभारी डॉक्टर अल्पना द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्र पर करीब 250 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन ये दवाइयां उपयोग में आने के बजाय बर्बाद हो रही हैं। वहीं, सीएचओ को केंद्र पर 14 प्रकार की जांचें कराने की जिम्मेदारी है, लेकिन किसी भी तरह की जांच सुविधा यहां मौजूद नहीं है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि टीबी मरीजों को समय पर दवाइयां नहीं मिलतीं, जिससे उन्हें बार-बार केंद्र के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसी लापरवाही जारी रही, तो क्षेत्र की अधिकांश आबादी, जो इस केंद्र पर निर्भर है, गंभीर संकट का सामना करेगी। उन्होंने सरकार और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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