📍 बालोतरा (थार क्रॉनिकल) रिपोर्टर: मुकेश खारवाल
बालोतरा उपखंड के कल्याणपुर क्षेत्र के कई गाँव इन दिनों गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट से गुजर रहे हैं। इन गाँवों में जोधपुर की टेक्सटाइल फैक्ट्रियों से छोड़ा गया रसायनिक पानी पिछले दो दशकों से पहुंच रहा है, जिससे यहाँ का भूजल पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।
पानी में रसायन, हवा में बीमारी
ग्रामीणों के अनुसार, इलाके के कुएँ, नलकूप और नदियाँ जहरीले पानी से पूरी तरह संक्रमित हो चुके हैं। इस प्रदूषण के कारण त्वचा रोग, पेट के संक्रमण, सांस की बीमारियों और कैंसर जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है।
प्रशासन की अनदेखी से गुस्से में ग्रामीण
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।
पशुओं और खेती पर भी संकट
केवल मानव नहीं, पशुधन और कृषि भी इस संकट से अछूते नहीं हैं। जहरीले पानी से पीने वाले मवेशियों की सेहत बिगड़ रही है, दूध उत्पादन घट गया है और कई पशुओं की अकाल मौत हो चुकी है। वहीं सिंचाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे इस पानी से खेत बंजर हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की आजीविका पर असर पड़ा है।
कल्याणपुर क्षेत्र में पानी की यह समस्या अब केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवीय संकट बन चुकी है। समय रहते अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति हाथ से बाहर जा सकती है। प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता में लेकर कार्रवाई करें।
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