बयाना की क्रय-विक्रय समिति पर मंगलवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब बड़ी संख्या में किसान खाद की मांग को लेकर परिसर में एकत्र हो गए। किसानों ने समिति कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि खाद वितरण में भारी गड़बड़ी और मिलीभगत हो रही है।
किसानों के आरोप
नगला पिरोतन गांव के किसान मनोज लवानिया ने आरोप लगाया कि समिति कर्मचारी परिचितों और प्रभावशाली लोगों को प्राथमिकता दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि जो लोग 1500 रुपये तक अतिरिक्त राशि दे रहे हैं, उन्हें तुरंत खाद उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि बाकी किसान घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौट रहे हैं।
समिति का पक्ष
क्रय-विक्रय समिति के एकाउंटेंट गोपाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि खाद की कीमत सरकार द्वारा निर्धारित 1355 रुपये प्रति कट्टा ही है और समिति उसी दर पर वितरण कर रही है।
बढ़ता विवाद और विरोध
आरोपों के बाद समिति परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। गुस्साए किसानों ने नारेबाजी करते हुए विरोध जताया और खाद वितरण की जांच की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द पारदर्शिता नहीं लाई गई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
जांच की मांग
किसानों ने स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है ताकि भविष्य में खाद वितरण पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो सके और जरूरतमंद किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराया जा सके।
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