फसल बीमा योजना, MSP कानून और हुंकार रैली की तैयारियों पर हुई चर्चा
स्थान: दूदू, जयपुर
✍ रिपोर्टर: डब्ल्यू. गोस्वामी
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के निर्देशन में और जिला अध्यक्ष बलदेव मेहरिया के नेतृत्व में दूदू के जाट धर्मशाला में किसानों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में किसानों से जुड़े अहम मुद्दों—खेत को पानी, फसल को दाम और युवाओं को काम—पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए किसान महापंचायत के जिला अध्यक्ष बलदेव मेहरिया ने कहा कि किसानों की सहमति लिए बिना फसल बीमा का प्रीमियम तो वसूला जाता है, लेकिन फसल खराबा होने पर बीमा कंपनियां क्षतिपूर्ति देने से बचती हैं। कंपनियों द्वारा जानबूझकर मीन-मेख निकालने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे किसानों को मुआवजा न मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा तैयार मार्गदर्शिका का बीमा कंपनियां दुरुपयोग कर रही हैं और इस पूरी प्रणाली से लाभ सिर्फ कंपनियों को हो रहा है।
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग करते हुए कहा कि जब तक MSP पर खरीद की बाध्यता नहीं होगी, किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यापारी किसान से फसल खरीदकर भुगतान किए बिना भागता है तो मंडी समिति द्वारा किसान को भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बैठक में आगामी 6 अक्टूबर 2025 को जयपुर में होने वाली ‘अन्नदाता हुंकार रैली’ की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। यह रैली किसान महापंचायत द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमें राज्य भर के किसान अपने-अपने खर्चे पर जयपुर कूच करेंगे। इसकी रूपरेखा जून में जयपुर स्थित किसान भवन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में तय की गई थी। वर्तमान में गांव स्तर पर इस रैली को लेकर सक्रिय तैयारियां चल रही हैं।
बैठक में प्रदेश महामंत्री जगदीश नारायण खुडियाला, संयोजक प्रो. गोपाल मोदानी, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, रामेश्वर चौधरी (पालड़ी फागी), उपाध्यक्ष रामकिशोर दाधीच, महामंत्री नन्दलाल मीणा, मौजमाबाद संयोजक बजरंग जाजुन्द, अध्यक्ष रामेश्वर बुरड़क, उपाध्यक्ष छीतरमल बैरवा, हरलाल क्रांतिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत रिणवा, रामगोपाल रेटा, श्योराम रसीली, पूर्व सरपंच छीतर, सत्यनारायण सहित बड़ी संख्या में किसान व स्थानीय जन उपस्थित रहे।
बैठक का समापन “किसान राज का यह पैगाम—खेत को पानी, फसल को दाम, युवाओं को काम” के संकल्प के साथ किया गया।
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