डीडवाना
रिपोर्टर: जयप्रकाश शर्मा
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डीडवाना – हिंदी सिनेमा के सबसे चहेते और बहुआयामी कलाकार किशोर कुमार की 96वीं जयंती के अवसर पर डीडवाना के स्काई होटल सभागार में एक भव्य संगीत संध्या का आयोजन किया गया। “ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए…” जैसे अमर गीतों की गूंज से संगीतमय हुआ यह कार्यक्रम दर्शकों के दिलों को छू गया।

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पुष्पांजलि से शुरू, सुरों की वर्षा तक…
कार्यक्रम की शुरुआत किशोर कुमार के छायाचित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर एवं पुष्पांजलि देकर की गई। इसके बाद शहर के नामचीन कलाकारों ने एक के बाद एक किशोर दा के अमर गीतों को अपनी आवाज़ दी।
समाजसेवी योगेश लाल शर्मा ने किशोर कुमार की बहुआयामी प्रतिभा पर प्रकाश डालते हुए कहा, “वो गायक नहीं, एक युग थे – उनके गाए गीत आज भी न भूले जाते हैं, न पुराने पड़ते हैं।”
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कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियाँ
सफेद खान ने “दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा” से कार्यक्रम की शुरुआत की
अयूब सागर ने “ज़िंदगी प्यार का गीत है” गाकर तालियाँ बटोरीं
संदीप सेवदा ने “छू कर मेरे मन को” से माहौल को संगीतमय किया
अब्दुल गफ्फार ने “सागर किनारे दिल ये पुकारे” गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया
अंकित दाधीच ने “किसका रस्ता देखे” से किशोर दा को श्रद्धांजलि दी
आमिर पठान ने “हाल क्या है दिलों का” गाकर दिल जीत लिया
भागीरथ अग्रवाल की “ये शाम मस्तानी” प्रस्तुति बेहद सराही गई
राजेश कुम्पावत ने “पल पल दिल के पास” सुनाकर संध्या को भावुकता दी
कार्यक्रम में डीडवाना शहर के कई गणमान्य नागरिक, संगीत प्रेमी और सांस्कृतिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
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Kishore Da को समर्पित एक यादगार शाम
यह संध्या न केवल किशोर कुमार के गीतों को दोहराने का मौका बनी, बल्कि संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव भी रही। कलाकारों की भावनात्मक प्रस्तुतियों ने यह सिद्ध किया कि किशोर दा का संगीत आज भी हर दिल में ज़िंदा है।
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