स्थान: पोकरण (जैसलमेर)
सुंदर ईश्वर महादेव मंदिर प्रांगण, सुंदर नगर पोकरण में पिछले एक सप्ताह से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का बुधवार को भावपूर्ण समापन हुआ। कथा के अंतिम दिवस पर कथावाचक पंडित रमेश सारस्वत ने भगवान श्रीकृष्ण के 16,108 विवाह प्रसंग, सुदामा चरित्र तथा भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरुओं की प्रेरणादायी कथा का गूढ़ वर्णन किया।
भक्तगण भक्ति भाव में डूबकर “राधे-कृष्ण” और “हरि बोल” के जयकारों से मंदिर प्रांगण गुंजा उठे। कथा विश्राम अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने भगवान के जीवन प्रसंगों से भक्ति, प्रेम और सेवा की भावना को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
कथावाचक ने दी भक्ति और जीवन के गूढ़ संदेश
पंडित रमेश सारस्वत ने कहा कि भागवत कथा केवल श्रवण का विषय नहीं, बल्कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम है। उन्होंने सुदामा चरित्र के माध्यम से मित्रता, विनम्रता और श्रद्धा के महत्व पर प्रकाश डाला।
कथा के दौरान प्रतिदिन भजन-कीर्तन, आरती और प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ, जिसमें स्थानीय महिलाएं और युवा वर्ग भी उत्साहपूर्वक सहभागी बने। मंदिर परिसर की आकर्षक सजावट और प्रकाश व्यवस्था ने वातावरण को और भी भक्ति मय बना दिया।
कल होगा यज्ञ, कथा महोत्सव का समापन
बुधवार को कथा विश्राम के साथ सात दिवसीय भागवत कथा महोत्सव का आध्यात्मिक अध्याय पूरा हुआ, वहीं कल यज्ञ आयोजन के साथ इसका विधिवत समापन होगा। श्रद्धालुओं ने आयोजन समिति एवं कथा वाचक पंडित रमेश सारस्वत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कथा ने नगर में आध्यात्मिक ऊर्जा और सद्भाव का संचार किया है।
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