Friday, August 8, 2025
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जैसलमेर ने मनाया 870वां स्थापना दिवस, राजमहल में हुए पारंपरिक आयोजन

लोकेशन: जैसलमेर | रिपोर्टर: चन्द्रभान सोलंकी

ऐतिहासिक जैसलमेर ने आज अपना 870वां स्थापना दिवस परंपरा और गौरव के साथ मनाया। इस अवसर पर सोनार किले में स्थित राजमहल में विशेष आयोजन हुए, जिनकी शुरुआत भाटी वंश की कुलदेवी माँ स्वांगियां जी के विधिवत पूजन से की गई।

ध्वज पूजन और ध्वजारोहण की परंपरा निभाई गई
पूजन के बाद राजमहल की छत पर जैसलमेर के रियासतकालीन ध्वज का मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया गया। इसके पश्चात राजपरिवार के महाराज दुष्यन्त सिंह और नाचना के ठाकुर विक्रम सिंह ने पारंपरिक रीति से ध्वजारोहण कर ऐतिहासिक परंपरा को निभाया।

उत्तरभड़ किवाड़ की उपाधि से गौरवान्वित जैसलमेर
जैसलमेर के 870 वर्षों के इतिहास को याद करते हुए वक्ताओं ने बताया कि यह धोरों का किला न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह भारत की उत्तरी सीमाओं का दृढ़ प्रहरी भी रहा है। उत्तर दिशा से आने वाले हमलों से देश की रक्षा करने के कारण ही भाटी राजवंश को “उत्तरभड़ किवाड़” की उपाधि दी गई थी।

पूर्व महारावल की ओर से जैसाणवासियों को शुभकामनाएं
इस अवसर पर पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह की ओर से नाचना ठाकुर विक्रम सिंह ने जैसलमेर वासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जैसलमेर का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। यहां की वीरांगनाओं ने ढाई शाके में बलिदान देकर इतिहास में अमर स्थान बनाया है।

यदुवंश की प्रमुख गादी है जैसलमेर
विक्रम सिंह ने कहा कि जैसलमेर की राजगादी भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी यदुवंशी परंपरा की प्रमुख पीठ रही है, जो आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को सहेजे हुए है।


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