📍 रामदेवरा (जैसलमेर) Thar Chronicle डेस्क
मरु प्रदेश के तपते रेगिस्तान में बसे सुदूर गांवों और ढाणियों की आँखों में जब धुंध छाने लगी थी, तब नेत्रकुम्भ महाजाँच शिविर ने आशा की नई रोशनी दी। जैसलमेर के ऐतिहासिक और आस्था स्थल रामदेवरा में आयोजित इस शिविर ने ग्रामीण अंचलों की उस बड़ी आबादी को विश्वस्तरीय नेत्र चिकित्सा सुविधा से जोड़ा, जो अब तक इलाज को अपनी पहुँच से बाहर मानते थे।
बंधेज, बाड़मेर प्रिंट में सजी महिलाएं, पारंपरिक वेशभूषा में पुरुष, मुस्कुराते बच्चे — इस शिविर में उमड़े जनसमूह ने साबित किया कि सेवा और संस्कृति का संगम मरूभूमि में जीवित है।


हजारों आँखों में लौटी नई उम्मीद
अब तक महाजाँच शिविर में 1000 से अधिक ऐसे मरीज सामने आए जिनकी नेत्र ज्योति धीरे-धीरे खत्म हो रही थी — और उन्हें इसका आभास भी नहीं था। चिकित्सकों ने मरीजों की आँखों में सूजन, लालिमा, रेत-कणों से उत्पन्न झिल्ली, और कार्निया पर उगी त्वचा जैसी समस्याएं चिन्हित कीं। सभी को समय रहते चिकित्सा परामर्श, दवाएं और आगे के इलाज के लिए मार्गदर्शन दिया गया।

5 अगस्त: सेवा का आंकड़ों में प्रमाण
सिर्फ एक दिन में 2261 लोगों का पंजीकरण, 2225 को परामर्श, 1660 को चश्मे और 1779 को दवाइयों का वितरण — ये आँकड़े रामदेवरा महाजाँच शिविर की सफलता की गवाही देते हैं।

दुबई से पहुंचे सवाई जी सुथार ने लिया जायजा
महाजाँच शिविर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने दुबई से पधारे जालोड़ा निवासी युवा उद्योगपति श्री सवाई जी सुथार विशेष रूप से पहुंचे। उन्होंने शिविर की कार्यप्रणाली को देखकर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह पहल पूरे मरू प्रदेश के लिए एक उदाहरण है।

Discover more from THAR CHRONICLE
Subscribe to get the latest posts sent to your email.