पादूकलां।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों की सूची जारी होते ही रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र और पादूकलां के किसानों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। किसानों का आरोप है कि भारी नुकसान, खेतों में पानी भराव, मूंग की फसल पूरी तरह नष्ट होने और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज होने के बावजूद पादूकलां को आपदा सूची से बाहर रखा जाना “स्पष्ट अन्याय” है।
2000 हैक्टेयर में मूंग की फसल चौपट, किसानों की दर्जनों शिकायतें अनसुनी
स्थानीय राजस्व अभिलेखों और किसानों द्वारा की गई शिकायतों के अनुसार पादूकलां क्षेत्र में करीब 2000 हैक्टेयर जमीन पर मूंग की फसल लगभग पूरी तरह चौपट हो चुकी थी।
किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना के टोल-फ्री नंबर पर कई शिकायतें दर्ज करवाईं, फिर भी रिपोर्ट में पादूकलां का नाम शामिल नहीं किया गया।
किसानों का आरोप है कि रियांबड़ी उपखंड के सिर्फ 4 गांवों को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया गया, जबकि बाकी कई गांवों की अनदेखी कर दी गई।

मेवड़ा घोषित, पादूकलां बाहर: सिर्फ 1 किलोमीटर में “दो फैसले”
किसानों का सबसे बड़ा सवाल मेवड़ा और पादूकलां की दूरी को लेकर है—
मेवड़ा (डेगाना विधानसभा क्षेत्र) पादूकलां से मात्र 1 किलोमीटर दूर है।
दोनों गांवों में समान बारिश, समान नुकसान और खेतों में एक जैसा पानी भराव हुआ, इसके बावजूद मेवड़ा को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया गया, लेकिन पादूकलां को सूची से बाहर रखा गया।
किसानों का कहना है—
“जब डेगाना क्षेत्र के अधिकांश गांव प्रभावित घोषित हो गए, तो ठीक बगल में स्थित पादूकलां सुरक्षित कैसे रह सकता था?”

सर्वे पर सवाल: राजस्व कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप
किसानों ने राजस्व कर्मचारियों और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि समय पर सही सर्वे नहीं किया गया।
किसानों का आरोप है कि प्रशासन को क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का अंदाज़ा ही नहीं लगाया गया, जिससे सैकड़ों किसान राहत सूची से बाहर रह गए।

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