Friday, August 8, 2025
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बीमा नहीं, सिर्फ प्रीमियम की वसूली: रामपाल जाट ने सरकार से उठाए सवाल

दूदू, 6 अगस्त। रिपोर्टर – डब्ल्यू गोस्वामी

राजस्थान में लगातार अतिवृष्टि के कारण किसानों की खरीफ फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। खेतों में खड़ी फसलें जैसे मूंग, बाजरा, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, मोठ, तिल्ली आदि बारिश से बर्बाद हो चुकी हैं। बुवाई का समय भी खत्म हो चुका है। ऐसे में किसान न तो पुन: बुवाई कर सकते हैं, और न ही उन्हें फसल बीमा योजना से कोई राहत मिल रही है।

लेकिन इस आपदा के बीच एक और बड़ा सवाल खड़ा हो गया है — जब किसानों को बीमा से लाभ मिल ही नहीं रहा, तो उनके बैंक खातों से प्रीमियम की जबरन वसूली क्यों की जा रही है?

प्रीमियम कटौती पर रामपाल जाट ने सरकार से मांगा जवाब

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा,

“जब बीमा देना ही संभव नहीं है, तो फिर सरकार किसानों के खातों से प्रीमियम क्यों काट रही है? इसमें तत्काल रोक लगनी चाहिए।”

रामपाल जाट ने इसे किसानों के साथ अन्याय करार देते हुए सरकार से सार्वजनिक रूप से जवाब मांगने की मांग की है। उनका कहना है कि बीमा कंपनियां सिर्फ प्रीमियम वसूल रही हैं, लेकिन फसल नुकसान का कोई मुआवजा नहीं दे रही हैं।

ग्राउंड रिपोर्ट: खेतों में सिर्फ बर्बादी, राहत नहीं

Thar Chronicle के संवाददाता जब दूदू क्षेत्र के खेतों में पहुँचे, तो वहाँ किसानों की व्यथा स्पष्ट दिखाई दी। किसान महापंचायत के जयपुर जिला अध्यक्ष बलदेव मेहरिया ने बताया कि –

“प्रीमियम तो काट लिया गया है, लेकिन नुकसान भरपाई को कोई बीमा एजेंसी तैयार नहीं। हम पूछते हैं — आखिर क्यों?”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार और बीमा कंपनियों के बीच केवल कागजी लेन-देन हो रहा है, जबकि ज़मीन पर किसान बर्बादी से जूझ रहे हैं।

उपराष्ट्रपति से लेकर राज्य सरकार तक सब मौन

रामपाल जाट ने यह भी आरोप लगाया कि जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से किसानों की हालत को लेकर सवाल किया गया, तब भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। उन्होंने कहा,

“अगर देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग भी किसानों के सवालों पर चुप हैं, तो फिर किसानों को न्याय कौन देगा?”

उन्होंने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को इस प्रकरण पर जवाब देना चाहिए और बीमा प्रीमियम की वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए।


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