दूदू, राजस्थान / मुकेश धोबी
दूदू क्षेत्र के ग्रामीणों में पीडब्ल्यूडी, विद्युत विभाग, जल दाय विभाग और पंचायत समिति प्रशासन की लगातार लापरवाही को लेकर भारी नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि लोकतंत्र और मानवता की जिम्मेदारी से इन विभागों के अधिकारी अनभिज्ञ प्रतीत होते हैं। ग्रामीणों ने कई शिकायतें सीधे विभागों को और कुछ उपखंड अधिकारी महोदया व मंत्री महोदय के माध्यम से भी पहुंचाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने बताया कि रास्तों, मेड़, खेत-खलिहान तक जाने वाले मार्ग, अवैध कब्जे, तालाब, चारागाह, मंदिर और श्मशान भूमि को लेकर कई बड़े परिवारों में झगड़े हुए। कई लोगों के आपसी संबंध बिगड़ गए और कुछ मामलों में पुलिस केस भी दर्ज हुए, लेकिन तहसील और पंचायत समिति प्रशासन ने न तो रास्ते खुलवाए और न ही कोई स्थायी समाधान किया।

कई प्रयास किए गए, जैसे नक्शों में डॉटेड कदमी रास्तों को स्थायी मार्गों में बदलने की कोशिशें। कई अधिकारी आए और गए, ग्राम पंचायतों में हर वर्ष शिविरों का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों रुपए खर्च हुए और सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। इसके बावजूद ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्तुत कई पत्रावली अनसुनी रह गई।
ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक प्रभाव के कारण कुछ लोगों को दबाया गया और कुछ को भुला दिया गया। आम जनता को विकास कार्य या शिकायत के निपटारे के लिए विधायक तक पहुँचने की मजबूरी महसूस होती है। पंचायत प्रशासन और विधायक महोदया के आदेशों की अनदेखी से जनता असहाय और निराश महसूस कर रही है।
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