Sunday, December 14, 2025
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श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोल में त्रयोदशी पर्व पर उमड़ी श्रद्धा, दिखा आस्था का अद्भुत संगम

बालोतरा (जसोल), श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल में आसोज शुक्ल पक्ष त्रयोदशी के पावन अवसर पर सोमवार को भव्य धार्मिक आयोजन सम्पन्न हुआ। सुबह की मंगला आरती के साथ ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और पूरा मंदिर परिसर भक्ति भाव से सराबोर हो गया।

भक्तों ने श्रद्धा और आस्था के साथ श्री राणीसा भटियाणीसा, श्री बायोसा, श्री सवाईसिंह जी, श्री लाल बन्ना सा, श्री खेतलाजी एवं श्री काला-गौरा भैरूजी के दर्शन कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि और मंगल की कामना की।


नवविवाहित जोड़ों ने निभाई परंपरा

परंपरा अनुसार नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी बांधकर दर्शन लाभ लिया और अपने दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर मंदिर परिसर में भक्ति और आनंद का वातावरण देखने को मिला।


अन्नपूर्णा प्रसादम और छप्पन भोग का आयोजन

इस पावन अवसर पर भोजन प्रसादी (अन्नपूर्णा प्रसादम) का लाभ आकाश बोथरा, सुपुत्र स्वर्गीय मांगीलाल बोथरा (निवासी – सुजानगढ़, राजस्थान; हाल – गुलाबबाग, जिला पूर्णिया, बिहार) द्वारा लिया गया। उन्होंने मंदिर परिसर के समस्त मंदिरों में भोग अर्पित कर श्रद्धालुओं में प्रसादी वितरण किया और धर्मभाव एवं सद्भाव का संदेश दिया।

इसी प्रकार, छप्पन भोग प्रसादी का लाभ राजपालसिंह चारण, सुपुत्र सुरेन्द्रसिंह चारण (निवासी – नोहर की ढाणी, तहसील नोहर, जिला हनुमानगढ़) द्वारा लिया गया। उन्होंने 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग समस्त मंदिरों में अर्पित किया।

दोनों लाभार्थी परिवारों ने जसोल नगर पालिका सर्व समाज की 101 कन्याओं का पूजन कर उन्हें फल, अन्न प्रसाद एवं दक्षिणा अर्पित की।


रात्रि जागरण और लाइव आरती प्रसारण

त्रयोदशी की पूर्व संध्या पर मंदिर परिसर में रात्रि जागरण का आयोजन हुआ, जिसमें स्थानीय भजन गायकों ने भक्ति रस में डूबी प्रस्तुतियां देकर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

त्रयोदशी की संध्या पर हुई संध्याकालीन आरती का लाइव प्रसारण भी किया गया, जिसमें देश-विदेश में बसे हजारों भक्तों ने घर बैठे माँ जसोल के दर्शन लाभ लिए और अपने जीवन में खुशहाली की कामना की।


धार्मिक एकता और सद्भाव का संदेश

यह भव्य आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि समाज में सद्भाव, सेवा और एकता का संदेश भी प्रदान करता रहा। मंदिर परिसर में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही और वातावरण ‘जय जसोल माताजी’ के जयकारों से गूंजता रहा।


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