Monday, October 27, 2025
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शिक्षा, समाज और राष्ट्र जीवन पर विमर्श के साथ – RSS की अखिल भारतीय समन्वय बैठक संपन्न

जोधपुर (रिपोर्ट – अभिषेक सैन)।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितंबर तक लालसागर (जोधपुर) में संपन्न हुई। बैठक के उपरांत 7 सितंबर को आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने शिक्षा, समाज और राष्ट्र जीवन के विविध पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।


शिक्षा पर विशेष फोकस

श्री आंबेकर ने बताया कि बैठक में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया।

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के अनुभव विभिन्न संगठनों जैसे विद्या भारती, भारतीय शिक्षण मंडल, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने साझा किए।
  • मातृभाषा में प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक पढ़ाई को प्रोत्साहन देने की दिशा में सकारात्मक प्रयास चल रहे हैं।
  • भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा के भारतीयकरण के लिए पुस्तकों का पुनर्लेखन और शिक्षक प्रशिक्षण कार्य प्रगति पर हैं।

सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा

पत्रकार वार्ता में कई महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श हुआ:

  • पंजाब में मतांतरण और नशा समस्या पर चिंता व्यक्त की गई तथा समाज जागृति अभियानों की जानकारी दी गई।
  • बांग्लादेशी घुसपैठ और नागरिक सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई गई।
  • पूर्वोत्तर राज्यों में घटती हिंसा और विकास को सकारात्मक माना गया।
  • मणिपुर की घटनाओं पर शांति प्रयासों की सराहना की गई।

जनजातीय क्षेत्रों के संदर्भ में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यों का उल्लेख किया गया। साथ ही, नक्सली हिंसा में कमी आने को सकारात्मक बताया गया।


संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियां

संघ शताब्दी वर्ष (2025-26) को लेकर श्री आंबेकर ने कहा:

  • पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य विषयों पर विशेष कार्यक्रम होंगे।
  • 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर में विजयादशमी उत्सव के साथ औपचारिक शुभारंभ होगा।

महिला सहभागिता

  • महिला खिलाड़ियों में योग-ज्ञान और अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए क्रीड़ा भारती की पहल का उल्लेख हुआ।
  • ऑपरेशन सिंदूर के तहत महिला कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए 887 कार्यक्रमों की जानकारी साझा की गई।
  • आंबेकर ने कहा कि “संगठनों में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।”

भाषा और संवाद का दृष्टिकोण

पत्रकार वार्ता में स्पष्ट किया गया कि:

  • प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए।
  • अंग्रेजी का विरोध नहीं, लेकिन भारतीय भाषाओं को शिक्षा और शासन में उचित स्थान मिलना चाहिए।
  • मतांतरण, घुसपैठ, काशी-मथुरा जैसे मुद्दों का समाधान संघर्ष नहीं, बल्कि कानूनी और संवाद से होगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और उपस्थिति

6 सितंबर की रात लोकगायक अनवर खान ने प्रस्तुति दी, जिनका सरसंघचालक जी ने अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में प्रांत संघचालक श्री हरदयाल वर्मा, अ. भा. सह प्रचार प्रमुख श्री प्रदीप जोशी और श्री नरेन्द्र ठाकुर भी उपस्थित रहे।


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