नागौर
रिपोर्टर: गिरधारीलाल प्रजापति
डोडियाना क्षेत्र के ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में चिकित्सा सुविधा के लिए भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पिछले छह महीनों से इस अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पद रिक्त पड़ा है। नतीजतन, अस्पताल पूरी तरह नर्सिंग स्टाफ के भरोसे चल रहा है।
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, मरीज हो रहे परेशान
ग्रामीणों के अनुसार, डोडियाना PHC में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण उन्हें इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। आपातकालीन परिस्थितियों में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

वित्तीय चार्ज दूसरी डॉक्टर के पास, फिर भी नहीं दिख रहा असर
इस अस्पताल का वित्तीय प्रभार भैरूड़ा PHC की डॉक्टर मीनाक्षी प्रजापत को सौंपा गया है, लेकिन उनका समय-समय पर उपस्थित न रहना भी एक बड़ी समस्या बन गया है। ग्रामीणों ने संवाददाता को अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि सरकार भले ही गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
“स्वास्थ्य विभाग बेचैन नहीं, सोया हुआ है”
ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस गंभीर स्थिति की ओर से आंखें मूंद रखी हैं। न तो नियमित डॉक्टर की नियुक्ति हो रही है और न ही वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खुल रही है।
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