पादूकलां, राजस्थान
पादूकलां में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी यात्रा ने रविवार को पूरे नगर में उत्साह और देशभक्ति का माहौल बना दिया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से शुरू हुए पथ संचलन में स्वयंसेवकों की अनुशासित पंक्तियों और “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” के नारों ने नगरवासियों को रोमांचित कर दिया। पथ संचलन टंकीपुरा, मेघवाल मोहल्ला, टेलर मोहल्ला, चारभुजा मंदिर, अस्पताल रोड, सदर बाजार, अंबे चौक, सुनारों का मोहल्ला, मुख्य बस स्टैंड, मेड़ता सिटी रोड, पारीक मोहल्ला और पुराना थाना मार्ग से होकर माध्यमिक विद्यालय मैदान में संपन्न हुआ।

मार्ग में नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का हृदयपूर्वक स्वागत किया। महिलाएं, युवा और बच्चे छतों से पुष्पों की वर्षा कर इस ऐतिहासिक आयोजन को और भी भव्य बना रहे थे। इस अवसर पर अच्छीनाथजी महाराज मंदिर के महंत पीर योगी लक्ष्मणनाथ जी महाराज और प्रांत संस्कार भारती से आए बौद्धिककर्ता पूनमचंद सुथार मुख्य अतिथि रहे।

बौद्धिक सत्र में पूनमचंद सुथार ने कहा कि संघ सेवा, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक है और यह केवल प्रचार के लिए नहीं बल्कि समाज के संगठन और चरित्र निर्माण के लिए कार्य करता है। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग, पारिवारिक संवाद को बढ़ाने और संविधान में बताए गए कर्तव्यों के पालन का आह्वान किया। महंत पीर योगी लक्ष्मणनाथ जी महाराज ने परिवार में संवाद और संस्कारों की महत्वता बताई और कहा कि परिवारिक एकता और सामाजिक समरसता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

दिनभर नगर में उत्साह और देशभक्ति का माहौल बना रहा। ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में लोग इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने पहुंचे। स्वयंसेवकों की अनुशासित पंक्तियों और देशभक्ति के नारों से पूरा शहर गूँज उठा और यह शताब्दी पथ संचलन पादूकलां के इतिहास में यादगार बन गया।
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