सूरतगढ़, 
विजयदशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्वामी विवेकानंद बस्ती में उत्सव कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रह्मकुमारी आश्रम की बीके रानी बहन ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में संघ के विभाग संघचालक चिमनलाल उपस्थित रहे।
शस्त्र पूजन से हुई शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत शस्त्र पूजन से हुआ, जिसमें बस्ती के स्वयंसेवकों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। महिलाओं की सक्रिय सहभागिता ने इस आयोजन को सामाजिक समरसता और एकता का संदेश देने वाला बना दिया।

विजयदशमी – सामाजिक चेतना का पर्व
अपने संबोधन में विभाग संघचालक चिमनलाल ने कहा —
“भगवान श्रीराम में अकेले रावण का वध करने की शक्ति थी, परंतु उन्होंने समाज को साथ लेकर बुराई पर विजय प्राप्त की। विजयदशमी सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं, यह सामूहिक चेतना और सामाजिक जागृति का प्रतीक है।”
उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष में चल रहे “पंच परिवर्तन अभियान” की जानकारी दी, जिसमें पाँच प्रमुख बिंदुओं —
- सामाजिक समरसता,
- पर्यावरण चेतना,
- कुटुंब प्रबोधन,
- नागरिक कर्तव्य, तथा
- स्व का भाव —
 को समाज परिवर्तन की आधारशिला बताया।
चिमनलाल ने कहा कि भारत के तेजी से वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने से विदेशी ताकतें उसे कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में “स्वदेशी भाव” का प्रसार आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब समाज एकजुट होकर निर्णय लेता है, तब भारत को शक्ति-संपन्न राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।
‘शाखा’ से आत्म-विकास का मार्ग
कार्यक्रम की अध्यक्ष बीके रानी बहन ने कहा —
“नियमित शाखा में आने से शरीर में बल, तेज और सामूहिकता का भाव विकसित होता है। यह आत्म-विकास का सशक्त माध्यम है।”

अनुशासन और राष्ट्रभाव का प्रतीक रहा पथ संचलन
कार्यक्रम के पश्चात संघ की प्रार्थना हुई, जिसके बाद स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। यह संचलन नवीन आदर्श विद्या मंदिर से प्रारंभ होकर भगत सिंह चौक, महाराणा प्रताप चौक, तहसील चौराहा, पीपल चौक और रानी लक्ष्मीबाई चौक होते हुए पुनः विद्यालय परिसर में समाप्त हुआ।
संचलन मार्ग में जगह-जगह नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
इस अवसर पर क्रीड़ा भारती के प्रांत सह मंत्री मदनलाल बिश्नोई, जिला प्रचारक जसराज सहित अनेक गणमान्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
विजयदशमी उत्सव का यह आयोजन सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक गौरव और संगठनात्मक अनुशासन का सशक्त प्रतीक बनकर उभरा।
Discover more from THAR CHRONICLE
Subscribe to get the latest posts sent to your email.

 
                                    